अंकों के बिना जीवन जीने की कल्पना भी नहीं की जा सकती, क्योंकि जीवन के हर क्षेत्र में अंकों का विशेष महत्व है। ये अंक न सिर्फ हमारा जीवन सरल बनाते हैं बल्कि भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में भी सूचित करते हैं।
अंक ज्योतिष को ही न्यूमरोलॉजी भी कहा जाता है। इसमें डेट ऑफ बर्थ यानी जन्म तारीख से व्यक्ति के भविष्य के बारे में गणना की जाती है। वैसे तो भारतीय विधा है, लेकिन वर्तमान में ये विदेशों में अधिक प्रचलित है।
जीवन के हर क्षेत्र में अंकों का महत्व है। अगर अंक न हो तो हमारे जीवन में कई तरह की परेशानियां आ सकती हैं। अंकों से जुड़ा है अंक ज्योतिष, इसे अंक शास्त्र और न्यूमरोलॉजी भी कहते हैं। ये भी भविष्य जानने की एक विधा है।
Daily Numerology Rashifal: अंक शास्त्र को न्यूमरोलॉजी भी कहते हैं। अंक शास्त्र में जन्म तारीख को जोड़कर मूलांक निकाला जाता है जिसे लकी नंबर भी कहते हैं। इसी के आधार पर व्यक्ति के भविष्य के बारे में प्रीडिक्शन की जाती है।
अंक ज्योतिष प्राचीन समय से ही काफी प्रचलित विधा है। इसके माध्य्म से किसी भी व्यक्ति के भूत, वर्तमान और भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। इस विधा का मुख्य आधार जन्म तारीख होती है। इसे अंग्रेजी में न्यूमरोलाजी भी कहते हैं।
अंक ज्योतिष भी भविष्य जानने की एक प्राचीन विधा है। इसमें जन्म तारीख के अंकों को जोड़कर मूलांक, जन्मांक और भाग्यांक निकाले जाते हैं। इन्हीं के आधार पर व्यक्ति के भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में गणना की जाती है।
Ank Rashifal March 2023: अंकों का हमारे जीवन में बहुत ही खास महत्व है। अगर ये कहा जाए कि अंक हमारे जीवन को अप्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित करते है तो गलत नहीं होगा। अंक ज्योतिष भी वैदिक ज्योतिष से प्रभावित है, इसे न्यूमरोलॉजी कहते हैं।
अंक यानी नंबर, इससे जुड़ी ज्योतिष विधा को अंग्रेजी में न्यूमरोलॉजी कहते हैं। वैसे तो ये विधा भारतीय ज्योतिष से प्रभावित है, लेकिन इसे पाश्चात्य विधा माना जाता है। इसमें जन्म तारीख के आधार पर व्यक्ति के भूत-भविष्य और वर्तमान के बारे में जाना जाता है।
Numerology Rashifal: अंक ज्योतिष से भी भविष्य के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है। अंक ज्योतिष में कुल 9 अंक होते हैं, इन्ही अंकों के माध्यम से भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में जाना जा सकता है।
अंक ज्योतिष को आज भले ही पाश्चात्य विधा कहा जाता है, लेकिन ये वैदिक ज्योतिष से ही प्रभावित है। इसका कारण यह है कि हर अंक किसी न किसी ग्रह से संबंधित है और उसी के आधार पर प्रीडिक्शन की जाती है।