13 अक्टूबर, शुक्रवार को पहले उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र होने से शुभ और इसके बाद हस्त नक्षत्र होने से अमृत नाम के 2 शुभ योग बनेंगे। इनके अलावा इस दिन ब्रह्म और इंद्र नाम के 2 अन्य शुभ योग भी रहेंगे।
Daily Rashifal 13 October 2023: 13 अक्टूबर, शुक्रवार को आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि रहेगी। इस दिन चतुर्दर्श तिथि का श्राद्ध किया जाएगा। इस दिन शुभ, अमृत, ब्रह्म और इंद्र नाम के 4 शुभ योग भी रहेंगे। राहुकाल सुबह 10:46 से 12:13 तक रहेगा।
Navratri 2023 Start Date: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होती है। इस बार यह तिथि 15 अक्टूबर को है। जानें इस बार मां दु्र्गा के आगमन और प्रस्थान का वाहन क्या है? शुभ है या अशुभ।
12 अक्टूबर, गुरुवार को पहले पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से गद और इसके बाद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र होने से मातंग नाम के 2 शुभ योग बनेंगे। इनके अलावा इस दिन शुक्ल और ब्रह्म नाम के 2 अन्य शुभ योग भी रहेंगे।
12 अक्टूबर, गुरुवार को आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पूरे दिन रहेगी। इस दिन गद, मातंग शुक्ल, ब्रह्म नाम के 4 शुभ योग रहेंगे। इस दिन राहुकाल दोपहर 01:40 से 03:06 तक रहेगा। गुरुवार को चंद्रमा सिंह से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करेगा।
11 अक्टूबर बुधवार को पहले मघा नक्षत्र होने से चर और इसके बाद पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से सुस्थिर नाम के 2 शुभ योग बनेंगे। इनके अलावा इस दिन शुभ और शुक्ल नाम के 2 अन्य शुभ योग भी रहेंगे। इस दिन राहुकाल दोपहर 12:13 से 01:40 तक रहेगा।
11 अक्टूबर 2023 को आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी और त्रयोदशी तिथि का संयोग बन रहा है। बुधवार को पहले मघा नक्षत्र होने से चर और इसके बाद पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से सुस्थिर नाम के 2 शुभ योग बनेंगे। राहुकाल दोपहर 12:13 से 01:40 तक रहेगा।
Rahu-Ketu Gochar 2023: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर ग्रह एक निश्चित समय पर राशि बदलता है। कोई ग्रह 2 दिन में तो कोई ढाई साल में राशि बदलता है। राहु-केतु भी इन ग्रहों में से एक है। ये दोनों ग्रह 18 महीने में राशि परिवर्तन करते हैं।
10 अक्टूबर, मंगलवार को आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी और द्वादशी तिथि का संयोग बन रहा है। इस दिन इंदिरा एकादशी का व्रत किया जाएगा। मंगलवार को कालदण्ड साध्य और शुभ नाम के 3 योग रहेंगे। राहुकाल दोपहर 03:08 से 04:35 तक रहेगा।
8 अक्टूबर, रविवार को पहले पुष्य नक्षत्र होने से श्रीवत्स नाम का शुभ योग और इसके बाद आश्लेषा नक्षत्र होने से वज्र नाम का अशुभ योग बनेगा। इनके अलावा इस दिन रवि पुष्य और सर्वार्थसिद्धि नाम के 2 अन्य शुभ योग भी रहेंगे।