उज्जैन. देवगुरु बृहस्पति 14 सितंबर को अपनी स्वराशि धनु से शनिदेव की राशि मकर में प्रवेश करेंगे। इस राशि में ये 20 नवंबर 2021 तक स्थित रहेंगे। इसके बाद कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। गुरु इस समय कुंभ राशि में वक्री चाल से चल रहे हैं। गुरु के 14 सितंबर को मकर राशि में परिवर्तन करने पर शनि देव के साथ युति बनाएंगे। ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति ग्रह को ज्ञान, भाग्य, विवाह, वृद्धि, गुरु, संतान आदि का कारक माना जाता है। गुरु के राशि बदलने का किस राशि पर क्या असर होगा, जानिए…