हिंदू धर्म में देवताओं की पूजा से जुड़े अनेक नियम बताए गए हैं। ऐसी मान्यता है कि पूजा के दौरान इन नियमों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए नहीं तो कुछ अशुभ हो सकता है।
रविवार को मघा नक्षत्र होने से पहले मुग्दर नाम का अशुभ योग और उसके बाद पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से छत्र नाम का शुभ योग बन रहा है।
दैनिक जीवन में हम जाने-अनजान में कई ऐसा काम करते हैं, जिनके कारण दुर्भाग्य हमारा पीछा नहीं छोड़ता और हम हमेशा अपनी किस्मत को ही दोष देते रहते हैं।
शनिवार को पहले अश्लेषा नक्षत्र होने से मानस और उसके बाद मघा नक्षत्र होने से पद्म नाम के 2 शुभ योग बन रहे हैं।
वास्तु शास्त्र में हर पौधे के लिए एक दिशा निर्धारित है। अगर सही दिशा में पौधा लगाया जाए तो उससे कई फायदे मिल सकते हैं, लेकिन गलत दिशा में लगाए पौधे फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकते हैं।
शुक्रवार को पहले पुष्य नक्षत्र होने से उत्पात और उसके बाद अश्लेषा नक्षत्र होने से मृत्यु नाम के 2 अशुभ योग बन रहे हैं।
31 मार्च को सूर्य ने मीन राशि के ही रेवती नक्षत्र में प्रवेश कर लिया है। ये ग्रह अब 13 अप्रैल तक इसी नक्षत्र में रहेगा। इस नक्षत्र में सूर्य के प्रवेश करने से बुधादित्य योग का फल मिलता है।
गुरुवार को पहले पुनर्वसु नक्षत्र होने से सिद्धि और उसके बाद पुष्य नक्षत्र होने से शुभ नाम के 2 योग बन रहे हैं। सुबह लगभग 8.30 पर चंद्रमा राशि बदलकर मिथुन से कर्क में प्रवेश करेगा।
अप्रैल 2020 में कई प्रमुख त्योहार आ रहे हैं। इस महीने की 2 तारीख को चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन रहेगा। इसी दिन श्रीराम नवमी का पर्व मनाया जाएगा।
बुधवार को पहले आर्द्रा नक्षत्र होने से मूसल और उसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र होने से गद नाम के 2 अशुभ योग बन रहे हैं।