25 मार्च, बुधवार से विक्रम संवत् 2077 के साथ ही हिंदू नववर्ष की शुरुआत हो जाएगी। इस संवत्सर का नाम प्रमादी रहेगा। भारतीय ज्योतिष के अनुसार संवत्सर 60 होते हैं, जिनके अलग-अलग नाम भी हैं।
उज्जैन। न्यूमरोलॉजी यानी अंक ज्योतिष से भी भविष्य के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है। अंक ज्योतिष के माध्यम से आप कई समस्याओं के समाधान जान सकते हैं, साथ ही ये भी जान सकते हैं कि आपकी भाग्योदय किस साल में होगा। ये सब जानने के लिए आपको अपनी जन्म तारीख पता होनी चाहिए
रविवार को शतभिषा नक्षत्र होने से राक्षस नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। रविवार को दोपहर में लभभग 2.30 बजे मंगल राशि बदलकर धनु से मकर राशि में प्रवेश करेगा।
उज्जैन। 22 मार्च, रविवार को ग्रहों का सेनापति मंगल राशि बदल रहा है। ये ग्रह अपने शत्रु शनि की मकर राशि में प्रवेश करेगा। इस राशि में मंगल उच्च का रहता है। मंगल मकर राशि में 4 मई तक रहेगा। इसके बाद कुंभ राशि
इस बार 22 मार्च, रविवार को पुण्यकारक वारुणी योग बन रहा है। इसे वारुणी पर्व भी कहा जाता है।
शनि ग्रह के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद अब डिग्री में बदलाव होने के साथ देश के लिए शुभ और अशुभ दोनों तरह के संकेत दिखाई देने लगेंगे।
शनिवार को चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि है। इस दिन सूर्योदय धनिष्ठा नक्षत्र में होगा। शनिवार को धनिष्ठा नक्षत्र होने से प्रवर्ध नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। इसी दिन सुबह चंद्रमा राशि बदलकर मकर से कुंभ में प्रवेश करेगा।
उज्जैन। इस बार 21 मार्च, शनिवार को शनि प्रदोष का योग बन रहा है। इस दिन शनिदेव की पूजा का विशेष फल मिलता है। शनि के अशुभ असर से बचने के लिए शनि के दस नाम वाले मंत्र का जाप करना चाहिए। ये मंत्र जाप शनि प्रदोष पर करने से शुभ फल मिल सकते हैं। ये है शनि के दस नामों का मंत्र-
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू नववर्ष का आरंभ होता है। इस बार ये तिथि 25 मार्च, बुधवार को है। इसी दिन चैत्र नवरात्रि का भी आरंभ होगा व घट स्थापना की जाएगी। इसके अलावा इस दिन गुड़ी पड़वा उत्सव भी मनाया जाएगा।
शुक्रवार को श्रवण नक्षत्र होने से धूम्र नाम का अशुभ योग और उसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र होने से धाता नाम का शुभ योग बनेगा। इसके अलावा इस दिन सर्वार्थसिद्धि नाम का एक अन्य शुभ योग भी बनेगा।