सार

दुकान का मुख किस दिशा में है और दुकान का वास्तु कैसा है इसी से आपके व्यापार की उन्नति तय होती है।

उज्जैन. यदि आपकी दुकान का मुख पश्चिम दक्षिण में है यानी आग्नेयमुखी है तो आपको कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना होगा। नहीं तो दुकान की ग्रोथ होने में परेशानी हो सकती है। आगे जानिए वास्तु के 6 टिप्स…

1. आग्नेय मुखी दुकान में पूर्व और दक्षिण दोनों का प्रभाव रहता है क्योंकि यह दोनों के बीच का कोण है। अत: इसके लिए पूर्व मुखी दुकान के उपाय अपनाए जाने चाहिए।
2. दुकान का फ्रंट फेस चौड़ा होना चाहिए और पीछे भले ही संकरा हो, परंतु फ्रंट की अपेक्षा पीछे चौड़ा नहीं होना चाहिए। इसे सिंह मुखी दुकान कहते हैं।
3. आग्नेय कोण मुखी दुकान यदि मार्केट में लाइनबद्ध है और उसके सामने की दुकानें भी लाइनबद्ध हैं तो कोई नुकसान नहीं होगा।
4. आग्नेय कोण या मुखी की दुकान बाहर शेड लगाकर रखें। शेड ऐसा लगाएं कि दक्षिण का भाग पूरा ढक जाए।
5. आग्नेय कोण की दुकान है तो काउंटर को दक्षिण दिशा में रखकर आपका मुख उत्तर में रखें। मतलब दुकान मालिक का मुंह उत्तर में होना चाहिए।
6. आग्नेय कोण का स्वामी शुक्र ग्रह है। इससे संबंधित शुभ फल पाने के लिए शुक्र के मंत्रों का जाप करना चाहिए

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