सार

पहले के समय में घर के बीचों-बीच का स्थान खाली छोड़ा जाता था, जिसे घर का आंगन कहा जाता था लेकिन आज के समय में घरों का आकार बदल गया है। ज्यादातर घरों में आंगन नहीं होता है।

उज्जैन. वास्तु में आंगन का बहुत महत्व माना गया है। इस स्थान में भारी चीजें और निर्माण करने के लिए मना किया जाता है। तो चलिए जानते हैं कि इस स्थान में क्यों नहीं करना चाहिए भारी निर्माण और इससे क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं…

1. ब्रह्म स्थान यानि ब्रह्मा जी का स्थान माना गया है। माना जाता है कि इस स्थान पर भारी सामान रखने या फिर निर्माण कर देने से रचियता ब्रह्मा का निरादर होता है। आपके परिवार में शांति का अभाव होने लगता है।
2. घर में सहजता और सृजनात्मक गतिविधियों में कमी आने लगती है। घर में रहने वाले सदस्यों के बीच दूरियां बढ़ने लगती हैं। घर में अतिथियों का आना-जाना कम हो जाता है जिससे घर में रौनक कम होने लगती है।
3. घर के ब्रह्म स्थान की तरह ही कमरे के बाचों-बीच के स्थान में भी ज्यादा भारी स्थान नहीं रखना चाहिए। यदि घर के बेडरूम के बीच में यदि भारी सामान रखा हो तो कमरे में रहने वालों की नींद में बाधा बनी रहती है।
4. कमरे के मध्य स्थान को भी हल्का और खाली रखना चाहिए। इसके साथ ही घर के मध्य स्थान की साफ-सफाई का भी बहुत ध्यान रखना चाहिए। अन्यथा आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, ब्रह्म स्थान को जितना हो सके में खुला रखें जिससे हवा के प्रवाह में कोई बाधा न आए।
5. घर के ब्रह्म स्थान की छत को जितना हो सके ऊंचा रखना चाहिए। इस स्थान पर जितनी हो सके दीवारें कम बनवाएं। स्थान में कभी भी नलकूप आदि की खुदाई नहीं करवानी चाहिए। ब्रह्म स्थान एक दम समतल रखना चाहिए।

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