आयुष मंत्रालय ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, हरिद्वार (उत्तराखंड) के द्वारा कोविड-19 के उपचार के लिए विकसित आयुर्वेदिक दवाइयों के बारे में हाल में मीडिया में आए समाचारों का संज्ञान लिया है। वैज्ञानिक अध्ययन के दावे के तथ्यों और विवरण के बारे में मंत्रालय को कोई जानकारी नहीं है।आयुष मंत्रालय के मुताबिक, कोरोना की ये आयुर्वेदिक दवा बनाने वाली कंपनी ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम 1954 के प्रावधानों के तहत जांच परखने के बाद ही दवा का विज्ञापन कर सकती है.