अंक ज्योतिष भी अन्य विधाओं की तरह ही लोगों के भविष्य के बारे में बताता है। वैसे तो ये एक प्राचीन विधा है, लेकिन इसका चलन वर्तमान में अधिक हो रहा है। इस पर अप्रत्यक्ष रूप से वैदिक ज्योतिष का भी प्रभाव है।
12 अप्रैल, बुधवार को वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि रहेगी। बुधवार को पहले मूल नक्षत्र होने से ध्वज और उसके बाद पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से श्रीवत्स नाम के 2 शुभ योग बनेंगे। इसके अलावा परिघ और शिव नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे।
Varuthini Ekadashi 2023: वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी कहते हैं। इस व्रत में भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस व्रत के प्रभाव से साधक की हर मनोकामना पूरी हो सकती है।
Surya Grahan 2023: साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल, गुरुवार को है। वैसे तो ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन राशि अनुसार, इसका प्रभाव हर व्यक्ति के जीवन पर किसी न किसी रूप में जरूर दिखाई देगा।
Eid-ul-Fitr 2023: इस्लाम में रमजान मास का विशेष महत्व है। मान्यता के अनुसा, इसी महीने में पवित्र कुरान धरती पर आई थी। इसलिए इस महीने में मुस्लिम समाजजन रोजा रखकर खुदा की इबादत करते हैं। रमजान समाप्त होने पर ईद मनाई जाती है।
Shubh Yog April 2023: इस समय ग्रहों की जो स्थिति बन रही है, वह कुछ राशि के लोगों के लिए बहुत ही शुभ फल देने वाली है। शुक्र, शनि और गुरु की स्थिति से कुछ राशि के लोगों को जबरजस्त सफलता और धन लाभ के योग इस समय बन रहे हैं।
11 अप्रैल, मंगलवार को मुद्गर, छत्र, वरियान और परिघ नाम के 4 योग बनेंगे। राहुकाल दोपहर 3:35 से शाम 5:08 तक रहेगा। मंगलवार को चंद्रमा वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेगा। ज्योतिषाचार्य चिराग बेजान दारूवाला से जानें कैसा बीतेगा दिन…
11 अप्रैल, मंगलवार को पहले ज्येष्ठा नक्षत्र होने से मुद्गर और उसके बाद मूल नक्षत्र होने से छत्र नाम के 2 योग बनेंगे। इसके अलावा वरियान और परिघ नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल दोपहर 3:35 से शाम 5:08 तक रहेगा।
अंक शास्त्र के अनुसार, हर ग्रह एक ग्रह का प्रतिनिधि है। उसके अनुसार अंक 1 सूर्य का, अंक 2 चंद्रमा का, अंक 3 देवगुरु बृहस्पति का, अंक 4 राहु का है। इसी तरह अन्य अंक भी किसी न किसी ग्रह से संबंधित हैं।
11 अप्रैल, मंगलवार को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि पूरे दिन रहेगी। मंगलवार को पहले ज्येष्ठा नक्षत्र होने से मुद्गर और उसके बाद मूल नक्षत्र होने से छत्र नाम के 2 योग बनेंगे। इसके अलावा वरियान और परिघ नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे।