Panchak: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचक काल हर महीने आता है। इसे अशुभ समय मानते हैं। ये पांच नक्षत्रों का एक समूह है। पंचक के दौरान कुछ काम करने की मनाही है। मान्यता है कि ऐसा करना अशुभ होता है इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ते हैं।
Surya Grahan 2023: खगोलविदों के अनुसार, सूर्य व चंद्र ग्रहण सामान्य घटनाएं हैं। साल में 3 से 4 ग्रहण होते हैं। इनमें से कुछ सूर्य तो कुछ चंद्र ग्रहण होते हैं। भारत में ग्रहण को ज्योतिष व धर्म से जोड़कर देखा जाता है।
Hindu Traditions: हर साल 13-14 अप्रैल को सूर्य मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करता है। मेष राशि चक्र की पहली राशि है। यानी ये कह सकते हैं इस दिन से सौर नववर्ष का आरंभ होता है। इस मौके पर कई त्योहार मनाए जाते हैं।
Surya Gochar April 2023: 14 अप्रैल से सूर्य मीन से निकलकर मेष राशि में आ चुका है। इस राशि में सूर्य 14 मई तक रहेगा। मेष सूर्य की उच्च राशि है। सूर्य के राशि परिवर्तन का असर सभी राशियों पर देखने को मिलेगा।
Baisakhi 2023: इस बार 14 अप्रैल, शुक्रवार को बैसाखी का पर्व मनाया जाएगा। वैसे तो ये पर्व पूरे देश में मनाया जाता है, लेकिन मुख्य रूप से पंजाबियों का त्योहार है। इस दिन पंजाब में लोग नाच-गाकर ये उत्सव मनाते हैं।
14 अप्रैल, शुक्रवार को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है। इस दिन कालदण्ड, सर्वार्थसिद्धि, सिद्ध और साध्य नाम के 4 योग बनेंगे। शुक्रवार को सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेगा। ज्योतिषाचार्य चिराग बेजान दारूवाला से जानें कैसा बीतेगा आपका दिन…
14 अप्रैल, शुक्रवार को पहले उत्तराषाढ़ा नक्षत्र होने से कालदण्ड नाम का अशुभ योग और इसके बाद श्रवण नक्षत्र होने से सर्वार्थसिद्धि योग बनेगा। इनके अलावा सिद्ध और साध्य नाम के 2 अन्य शुभ योग भी इस दिन रहेंगे।
अंक ज्योतिष भी अन्य ज्योतिष विधाओं की ही तरह संभावित भविष्य के बारे में बताता है। समय के साथ इसका चलन भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसमें प्रीडिक्शन का आधार जन्म तरीख यानी डेट ऑफ बर्थ होती है।
14 अप्रैल, शुक्रवार को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है। इस दिन बैसाखी पर्व मनाया जाएगा। शुक्रवार को पहले उत्तराषाढ़ा नक्षत्र होने से कालदण्ड नाम का अशुभ योग और इसके बाद श्रवण नक्षत्र होने से सर्वार्थसिद्धि योग बनेगा।
Vishu Festival 2023: विषु केरल के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस बार ये पर्व 15 अप्रैल, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस दिन से मलयाली नया साल शुरू होता है।