सीकर. यदि जीवन में कुछ कर गुजरने की चाह व कोशिश हो तो कठिनाइयां भी कामयाबी को नहीं रोक सकती है। ये साबित कर दिखाया है,सीकर जिले के धोद कस्बे की सांवलोदा लाडखानी की हैंडबॉल खिलाड़ी पूजा कंवर ने। जिसके पिता एक साधारण किसान व मैकेनिक हैं। जो छोटी- मोटी खेती के साथ कुओं में नीचे उतरकर मोटर ठीक करने जैसा काम करते हैं। लेकिन, अभावों से जूझते परिवार से निकलकर भी आज पूजा यूरोप के स्लोवेनिया में आयोजित हो रहे विश्व जूनियर हैंडबॉल चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही है। एक छोटी सी गौडों की ढाणी से निकलकर इस मुकाम तक पहुंची पूजा के संघर्ष की बानगी ये है कि जयपुर एकेडमी की फीस व यूरोप भेजने के लिए भी पिता सुरेन्द्र के पास रुपये नहीं थे। ऐसे में एक लाख 80 हजार रुपए लोगों से उधार लेकर उन्होंने बेटी को देश के लिए खेलने भेजा है।