नामांकन फार्म भरने के बाद चुनाव लड़ने की तैयारी में जुट गए भाजपा नेता, मंत्री की बेटी, पूर्व विधायक सहित अन्य 14 प्रत्याशियों को बड़ा झटका लगा है। क्योंकि रिटर्निंग अधिकारी ने इनके नामांकन फार्म निरस्त कर दिए हैं।
वैसे तो प्रदेश की सभी 230 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच चुनावी जंग रहेगी। लेकिन कुछ विधानसभा सीट ऐसी भी है। जहां पर जीत हार का फैसला महज चंद वोटों से होता हैं। ऐसे में उस सीट से चुनाव जीतना भी प्रत्याशी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को उत्तराखंड पहुंचे, उन्होंने पिथौरागढ़ में जनसभा को संबोधित करने के साथ ही प्रदेशवासियों को करोड़ों की सौगात दी, पीएम ने कैलाश के भी दर्शन किए, वे स्थानीय पोशाख में नजर आए और उन्होंने शंख और डमरू भी बजाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 अक्टूबर को उत्तराखंड आएंगे। वे यहां पिथौरागढ़ में जन सभा को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी के आने से पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी ने निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया।
कहते है। जिदंगी और मौत का कोई भरोसा नहीं, इंसान कब तक जिंदा रहे ये भी नहीं कह सकते और इंसान की कब मौत आ जाए, ये भी कहना मुश्किल है। ऐसा ही एक वाक्या मध्यप्रदेश में हुआ है। एक स्टूडेंट की मौत खेलते.खेलते हो गई है।
विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा होते ही भाजपा-कांग्रेस तन-मन-धन से प्रचार-प्रसार में जुट गई है। कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी भी आज मध्यप्रदेश से चुनावी शंखनाद कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश में एक सरपंच की गोली मारकर हत्या कर दी है। आक्रोशित मृतक के परिजनों ने फायरिंग कर कई घरों में आग लगा दी, क्षेत्र में तनाव बढ़ने से भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा होते ही प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है। लिस्ट के अनुसार सीएम शिवराज सिंह चौहान बुधनी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे।
मध्यप्रदेश की आमला विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे और कांग्रेस के दिग्गज विधायक सहित अन्य को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस दौरान पुलिस से झड़प के दौरान निशा बांगरे के कपड़े फट गए।
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं जिसकी तारीखों की घोषणा भारत निर्वाचन आयोग ने कर दी है। इससे पहले विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस सबसे अधिक सीटें लाई थी। लेकिन कमलनाथ की सरकार 15 महीने की चल पाई थी।