सार
वैसे तो प्रदेश की सभी 230 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच चुनावी जंग रहेगी। लेकिन कुछ विधानसभा सीट ऐसी भी है। जहां पर जीत हार का फैसला महज चंद वोटों से होता हैं। ऐसे में उस सीट से चुनाव जीतना भी प्रत्याशी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता।
धार. मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को मतदान होने जा रहे हैं। जिसका रिजल्ट 3 दिसंबर को आएगा। भाजपा-कांग्रेस सहित अन्य सभी दल अपनी अपनी पार्टी का विधायक बनाने के लिए जी जान से जुट गए हैं। हम आपको मध्यप्रदेश के बीचों बीच स्थित ऐसी विधानसभा सीट के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां जीत हार का फैसला महज 1 वोट से हुआ था।
11 चुनाव में 7 सात बार भाजपा की जीत
हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश की धार विधानसभा सीट की। यहां 1972 से अब तक 7 बार भाजपा, 3 बार कांग्रेस, एक बार जेएनपी की सीट आई थी। यहां सबसे अधिक भाजपा की सीट आई है। लेकिन हर बार इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर रहती है। ऐन वक्त तक यहां कहना मुश्किल हो जाता है कि भाजपा की जीत होगी या कांग्रेस की। ऐसा ही वाक्या 2008 में हुआ था।
रिजल्ट सुनकर हैरान रह गई जनता
2008 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा से नीना विक्रम वर्मा और कांग्रेस से बालमुकुंद सिंह गौतम आमने सामने थे। इन दोनों ही प्रत्याशियों को जनता का खूब समर्थन मिला। मतगणना में जब एक के बाद एक पेटियां खुल रही थी। तो कभी कांग्रेस, तो कभी भाजपा का पलड़ा भारी नजर आ रहा था। कभी ऐसा लग रहा था। कि भाजपा जीत रही है तो कभी कांग्रेस की सीट आती नजर आ रही थी। लेकिन जब फायनल रिजल्ट घोषित हुआ तो हर कोई हैरान रह गया। क्योंकि इस सीट पर जीत का अंतर महज 1 वोट था।
1 वोट से हुआ जीत हार का फैसला
2008 के विधानसभा चुनाव में भाजपा महिला प्रत्याशी नीना विक्रम वर्मा को 50510 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी बालमुकुंद सिंह गौतम को 50509 वोट मिले थे। इस प्रकार भाजपा प्रत्याशी नीना विक्रम वर्मा की महज 1 वोट से जीत हुई थी। 2013 के चुनाव में भी नीना विक्रम वर्मा ने 85624 वोट पाकर कांग्रेस प्रत्याशी बालमुकुंद सिंह गौतम को हराया था। उन्हें 74142 वोट मिले थे। 2018 में नीना विक्रम वर्मा ने 93180 वोट हासिल कर जीत का सेहरा पहना था। जबकि कांग्रेस की प्रभा बालमुकुंद सिंह गौतम को 87462 वोट मिले थे। 2008 में जीत हार का अंतर 5718 वोट थे।
2023 में नीना और प्रभा के बीच चुनावी जंग
2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने नीना विक्रम वर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने उनकी टक्कर में फिर प्रभा बालमुकुंद गौतम को खड़ा किया है। अब देखते हैं। 2023 में किसकी जीत होती है और किसे हार का सामना करना पड़ेगा।