सार
महिंद्रा को ज्यादातर लोग ऑटो सेक्टर की कंपनी ही जानते हैं लेकिन ये ग्रुप 22 अलग-अलग तरह की इंडस्ट्रीज में काम करती है। महिंद्रा की कंपनी टेक महिंद्रा की दुनियाभर में पहचान है। बहुत कम लोग ही कंपनी M&M का पूरा नाम जानते हैं।
ऑटो डेस्क : महिंद्रा एंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra) कंपनी के मालिक आनंद महिंद्रा आज अपना जन्मदिन (Anand Mahindra Birthday) मना रहे हैं। उनका जन्म 1 मई, 1955 को हुआ था। आनंद महिंद्रा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं और यूथ उन्हें खूब फॉलो करता है। उनकी कंपनी देश की 50 बड़ी लिस्टेड कंपनियों में से एक है। महिंद्रा अपनी शानदार और बेहतरीन गाड़ियों की वजह से जानी ही जाती है। यह दुनिया की नंबर वन ट्रैक्टर निर्माता कंपनी भी है। आज आनंद महिंद्रा के बर्थडे पर आइए जानते हैं महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी के नाम से जुड़ा दिलचस्प किस्सा...
तो महिंद्रा एंड मुहम्मद होता M&M का नाम
आजादी से पहले 1945 में ही इस कंपनी की नींव पड़ गई थी। दो पार्टनर ने मिलकर इसकी शुरुआत की थी। इसमें से एक आनंद महिंद्रा के दादा केसी महिंद्रा (KC Mahindra) थे और दूसरे पार्टनर गुलाम मुहम्मद (Ghulam Muhammad) थे। तब इस कंपनी का नाम रखा था M&M... मतलब महिंद्रा एंड मुहम्मद (Mahindra & Muhammad)....यह कंपनी शुरुात में स्टील उत्पादन का काम करती थी। धीरे-धीरे कंपनी का नाम बढ़ रहा था और नाम भी पॉपुलर हो रहा था कि इसी बीच भारत का बंटवारा हो गया और 1947 में पाकिस्तान बना।
महिंद्रा के एक पार्टनर इंडिया और दूसरे पाकिस्तान गए
इस बंटवारे का जितना असर देश पर हुआ, उतना ही बिजनेस भी इसकी जद में आए। महिंद्रा एंड मुहम्मद भी इसी में से एक थी। पाकिस्तान बन गया था और महिंद्रा के दूसरे पार्टनर गुलाम मुहम्मद ने पाक में ही बसने का फैसला किया। गुलाम मुहम्मद पाकिस्तान के पहले वित्त मंत्री भी थे। उनके वहां जाने के बाद कंपनी का नाम M&M ही रहा लेकिन पूरा नाम बदलकर महिंद्रा एंड महिंद्रा हो गया।
सिर्फ महिंद्रा ही क्यों नहीं
आज भी काफी कम लोग ही ऐसे हैं जिन्हें पता है कि कंपनी का नाम महिंद्रा एंड महिंद्रा क्यों रखा गया है। इसका नाम सिर्फ महिंद्रा भी तो हो सकता था। इसके पीछे दो कारण बताए जाते हैं। पहला- गुलाम मुहम्मद जब पाकिस्तान चले गए, तब उससे पहले ही M&M ब्रांड बन चुका था। इसके कई असेसरीज बन चुके थे। ऐसे में अगर नाम बदलता तो काफी पैसा भी खर्च करना पड़ता। इस वजह से नाम एम एंड एम ही रहने दिया और फुल फॉर्म बदल दिया गया। वहीं, दूसरा कारण बताया जाता है कि गुलाम मोहम्मद के पाक जाने के बाद केसी महिंद्रा ने अपने भाई जेसी महिंद्रा (JC Mahindra) को अपना बिजनेस पार्टनर बनाया, इस तरह दो महिंद्रा हो गए और कंपनी के नाम से मुहम्मद हटा दिया गया, उनकी जगह एक और महिंद्रा एड कर दिया गया। मतलब अगर गुलाम मोहम्मद ने बंटवारे के बाद भारत में रहने का फैसला किया होता तो आज M&M का नाम महिंद्रा एंड महिंद्रा नहीं बल्कि महिंद्रा एंड मुहम्मद होता।
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