सार
पहाड़ों के बीच रास्ते घुमावदार होने के चलते, ऐसे ड्राइवर जिनके पास हिल एरिया में ड्राइविंग का एक्सपीरिएंस नहीं होता, उनसे एक्सीडेंट का खतरा बढ़ जाता है। बीते 4 सालों में जितने भी एक्सीडेंट हुए हैं, उनमें 65 प्रतिशत इसी तरह के हैं।
ऑटो डेस्क : अगर आप उत्तराखंड (Uttrakhand) की पहाड़ियों की सैर पर अपनी गाड़ी लेकर जाने का प्लान बना रहे हैं तो नया नियम जान लें, वरना आपको परेशान होना पड़ सकता है। दरअसल, गर्मी की छुट्टियां आने वाली हैं, ऐसे में बड़ी संख्या में टूरिस्ट फैमिली के साथ पहाड़ों पर लॉन्ग ड्राइव जाने की प्लानिंग कर रहे हैं। लेकिन उनका मजा किरकिरा हो सकता है। क्योंकि अगर आपके पास पहाड़ में ड्राइविंग का एक्सपीरियंस नहीं है तो आप गाड़ी लेकर नहीं जान पाएंगे। आइए जानते हैं क्या है नियम और हिल स्टेशन जाने से पहले आपको क्या करना चाहिए..
अब नहीं ले पाएंगे लॉन्ग ड्राइव का मजा
हर सीजन में कुमाऊं की खूबसूरत वादियों में अपना वक्त बिताने दूसरे राज्यों से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। इनमें से कुछ अपनी खुद की कार या बाकी गाड़ी से आते हैं। लेकिन पुलिस अब उन्हें पहाड़ पर चलने नहीं देगी। दरअसल, नैनीताल पुलिस (Nainital Police) लगातार बढ़ते एक्सीडेंट को देखते हुए बड़ा कदम उठाने जा रही है। अब दूसरे राज्यों से आने वाले टूरिस्ट को तभी पहाड़ चढ़ने देगी, जब उनके पास पहाड़ में गाड़ी चलाने का अनुभव होगा। इसका मतलब ऐसे लोग ही अपनी गाड़ी से पहाड़ पर जा सकेंगे, जिनके पास हिल एरिया का ड्राइविंग लाइसेंस होगा।
हर साल बड़ी संख्या में एक्सीडेंट
हल्द्वानी सीओ सिटी भूपेंद्र सिंह धोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते 4 सालों में ही नैनीताल में साढ़े तीन हजार से ज्यादा रोड एक्सीडेंट हुए हैं। इस आंकड़े में 65 प्रतिशत एक्सीडेंट दूसरे राज्यों से आने वाली गाड़ियों से हुए हैं। उन्होंने बताया कि पहाड़ों के बीच रास्ते घुमावदार हैं, ऐसे में ड्राइविंग एक्सपीरिएंस न होने के चलते बड़ी संख्या में लोग एक्सीडेंट का शिकार हो जाते हैं, कुछ को तो अपनी जिंदगी तक गंवानी पड़ती है। ऐसे में नए पर्यटन सीजन में पुलिस नई व्यवस्था लागू कर सकती है।
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