सार
भारत के फ्यूचर का ईंधन हाइड्रोजन को माना जा रहा है। हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाली पहली बस सर्विस को लेह में लांच कर दिया गया है। जल्द ही यह तकनीकी भारतीय सड़कों पर भी दिखेगी।
Hydrogen Fuel Bus Service. लेह की सड़कों पर अब हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाली बस सेवा शुरू कर दी गई है। इसका कमर्शियल ट्रायल शुरू कर दिया गया है और यह जल्द ही भारत के दूसरे शहरों में भी लांच की जाएगी। इस सेवा के लिए ग्रीन हाइड्रोजन जेनरेट करने के लिए एनटीपीसी ने रिफ्यूलिंग स्टेशन भी स्टार्ट किया है। जहां पर 1.7 मेगावाट की क्षमता वाला सोलर प्लांट भी लगाया गया है।
लेह प्रशासन 5 बसें चलाएगा
भारत के सबसे बड़े पॉवर प्रोड्यूसर एनटीपीसी की मदद से लेह प्रशासन हाइड्रोजन फ्यूल से संचालित होने वाली 5 बसें चलाएगा। फिलहाल लेह से ही इसकी शुरूआत कर दी गई है। हाइड्रोजन फ्यूल को भारत के भविष्य का ईंधन बताया जा रहा है। यहां से सफलता मिलने के बाद यह दूसरे शहरों में भी शुरू की जा सकती है। लेह प्रशासन की मदद से एनटीपीस ने करीब 7.5 एकड़ में इन बसों की फैसिलिटी सर्विस शुरू की है। जहां रिफ्यूलिंग सिस्टम के साथ ही 1.7 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट भी लगाया गया है।
यह कंपनी प्रोवाइड करा रही बसें
इस सर्विस के लिए अशोक लेलैंड से पार्टनरशिप की गई है, जो बसों की सप्लाई कर रहा है। रिपोर्ट्स की मानें को हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाली बसों को तैयार करने पर करीब 2.5 करोड़ रुपए प्रति बस की लागत आ रही है। इसे बनाने की शुरूआत 2020 में की गई थी। कंपनी के अधिकारी ने बताया कि इसके लिए एनटीपीसी पूरी तरह से सहयोग कर रहा है और किसी तरह की फाइनांसियल दिक्कतें नहीं आई हैं।
15 अगस्त को होनी थी लांचिंग
लेह में हाइड्रोजन बस सर्विस की शुरूआत स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 15 अगस्त से ही होनी थी लेकिन भारी बारिश, बाढ़ और लैंड स्लाइडिंग की वजह से इसे टाल दिया गया है। पीएम मोदी ने 2020 के स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान लद्दाख में कार्बन फ्री सेवा शुरू करने की बात कही थी।
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