कंपनी ने फ्रांस में सरकार ने 5 बिलियन यूरो लोन पर मंजूरी मांगी थी जिसे मना कर दिया गया। इसके बाद कंपनी ने कास्ट कटिंग का फैसला लिया है। छंटनी का सबसे ज्यादा असर फ्रांस में ही रहेगा, मगर रेनो का विस्तार भारत में भी है। यहां भी असर पड़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।