सार
पाकिस्तान इकोनॉमिक क्राइसस का असर ऑटो इंडस्ट्री पर पड़ रहा है। पड़ोसी मुल्क में पेट्रोल-डीजल के बेतहाशा बढ़ती कीमतों से भी लोगों की कारों से दूरी हो गई है। कई ऑटोमोबाइल कंपनियां भी पड़ोसी देश से अपना बोरिया बिस्तर समेट चुकी हैं।
ऑटो डेस्क : पाकिस्तान की हालत जगजाहिर है। पड़ोसी मुल्क में कारों की सेल हर महीने तेजी से नीचे गिर रही है। हालात ये हैं कि अब कई बड़ी कंपनियों ने अपना प्रोडक्शन ही बंद कर दिया है। पाक की ऑटो इंडस्ट्री बुरे दौर से गुजर रही है। ऑटो सेक्टर की गिरती सेल से पड़ोसी देश चिंता में है। जहां एक तरफ भारत में धड़ाधड़ गाड़ियां बिक रही हैं वहीं, पाक की हालत बिल्कुल उलट है। जून के आंकड़े पर गौर करें तो हिंदुस्तान में पाकिस्तान से 54 गुना ज्यादा कारें बेची गई हैं। जबकि पाक में सेल 82% से ज्यादा गिर गई है।
कारों की सेल में पाकिस्तान फिसड्डी
पाकिस्तान में ऑटो सेल्स हर महीने गिर रहा है। जून के आंकड़ों से साफ हो रहा है कि पाक में ऑटो इंडस्ट्री के क्या हालात हैं। 2022 के मुकाबले जून में पाकिस्तान में कारों की सेल 82 प्रतिशत तक गिरी है। पाकिस्तान ऑटोमोटिव मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के मुताबिक, जून 2023 में सिर्फ 6,034 कारें ही बिक पाई हैं। मई में तो हालात और भी ज्यादा खराब थे। तब यह आंकड़ा 10 प्रतिशत और कम था।
बूम पर है इंडियन ऑटोमोबाइल मार्केट
अब अगर इंडियन ऑटोमोबाइल मार्केट की बात करें तो वह बूम पर है। हर दिन ऑटो सेल्स का ग्राफ बढ़ रहा है। पिछले महीने जून के ही आंकड़े देखे तो पता चल जाता है कि भारतीय ऑटो बाजार में किस तरह धड़ाधड़ गाड़ियों की बिक्री हो रही है। बुधवार को सियाम ने एक रिपोर्ट जारी की। जिसके मुताबिक, डॉमेस्टिक मार्केट में पैसेंजर व्हीकल की थोक बिक्री सालाना आधार पर 2 प्रतिशत बढ़कर 3,27,487 यूनिट्स पर पहुंच गई है। जून 2022 में डीलरों को कुल 3,20,985 पैसेंजर व्हीकल भेजे गए थे। सियाम की इस रिपोर्ट के मुताबिक, जून में टू व्हीलर्स की बिक्री भी 2 प्रतिशत बढ़ी है और 13,30,826 यूनिट्स पर पहंच गई है। तिपहिया वाहनों की बिक्री भी दो गुना बढ़कर 53,019 यूनिट्स हो गई है। गाड़ियां की बिक्री के मामले में मारुति नंबर वन, हुंडई दूसरे और टाटा मोटर्स तीसरे स्थान पर है।
पाकिस्तान में ऑटो सेल्स गिरने का कारण
पाकिस्तान में रुपए की कीमत लगातार नीचे गिर रही है। इस वजह से महंगाई चरम पर है और कारों के दाम काफी ज्यादा बढ़ गए हैं। पाकिस्तानी लोगों की परचेज पावर बिल्कुल खत्म हो गई है। इस चलते कारों की बिक्री नहीं हो रही है। इस हालात में कई ऑटोमोबाइल कंपनियां भी वहां से अपना कारोबार समेट चुकी हैं। टोयोटा और सुजुकी कई प्लांट बंद कर दी हैं। पाकिस्तान इकोनॉमिक क्राइसस का असर ऑटो इंडस्ट्री पर पड़ रहा है। पड़ोसी मुल्क में पेट्रोल-डीजल के बेतहाशा बढ़ती कीमतों से भी लोगों की कारों से दूरी हो गई है।
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