सार

लाल रंग की कारें बहुत से लोगों की पसंद होती हैं। हालांकि, इन कारों को लेकर बहुत से मिथक भी लोगों में हैं। कुछ लोगों का मानना है कि लाल रंग की कार का इंश्योरेंस प्रीमियम ज्यादा भरना पड़ता है।

ऑटो डेस्क : लाल रंग काफी महत्वपूर्ण रंग माना जाता है। यह प्रेम का प्रतीक माना जाता है, लेकिन अगर ट्रैफिक सिग्नल पर यही रंग हो तो खतरे का संकेत होता है। कहा जाता है कि लाल रंग ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है, इसलिए बेडरूम में इसे अवॉयड ही किया जाता है। ऑफिस में लाल रंग परफॉर्मेंस सुधारने का सिंबल होता है लेकिन कार के मामले में इसे लेकर कई गलतफहमियां भी हैं। बहुत से लोगों का मानना है कि लाल रंग की कार से सबसे ज्यादा एक्सीडेंट होता है। इस कलर की गाड़ियां सबसे ज्यादा चोरी होती हैं। इसका बीमा भी काफी महंगा होता है। जानिए क्या है सच...

Myth : लाल रंग की कारों का इंश्योरेंस महंगा होता है

Fact : अधिकांश लोगों का मानना है कि लाल रंग की कार अगर आपके पास है तो आपको दूसरों की तुलना में इस कार का ज्यादा इंश्योरेंस प्रीमियम देना पड़ता है। यह पूरी तरह सच नहीं है, क्योंकि बीमा कंपनियां कभी भी कार के रंग के आधार पर प्रीमियम तय नहीं करती हैं। बीमा हमेशा कार के मॉडल, इंजन, ड्राइवर की उम्र और एक्सीडेंटल हिस्ट्री जैसे फैक्टर्स पर डिपेंड करती है।

Myth : लाल रंग की कारें ज्यादा चोरी होती हैं

Fact : बहुत से लोगों में यह भी भ्रम है कि लाल रंग की कारें ज्यादा भड़कीली होती हैं, इसलिए चोरों का ध्यान इनकी ओर खींच जाता है, जिससे इनके चोरी होना का डर ज्यादा रहता है। हालांकि,इस बात में कोई सच्चाई नहीं है, क्योंकि कार चोरी में रंगों का कोई खास प्रभाव नहीं होता है।

Myth : लाल रंग की कारें ज्यादा और जल्दी गर्म हो जाती हैं

Fact : बहुत से लोगों को लगता है कि लाल रंग की गाड़ियां बाकी रंगों की तुलना में जल्दी हीट हो जाती हैं लेकिन यह भी पूरी तरह सच नहीं है क्योंकि लाल रंग उतना ज्यादा गर्मी एब्जॉर्ब नहीं करता है, जितना काले या गहरे रंग करते हैं। यह सच भी हो सकता है लेकिन इसका असर बेहद हल्का होता है।

Myth : लाल रंग की कारों का सबसे ज्यादा एक्सीडेंट होता है

Fact : लाल रंग खतरे का संकेत होता है, इसलिए बहुत से लोगों ने गलतफहमियां पाल रखी है कि लाल रंग की कारों का सबसे ज्यादा एक्सीडेंट होता है और इनसे चलने का मतलब मौत का खतरा सबसे ज्यादा है। इस बात को लेकर कोई ठोस प्रमाण नहीं है। किसी भी कार के एक्सीडेंट का कारण ड्राइविंग का तरीका, रोड कंडीशन और अन्य फैक्टर्स होते हैं न कि किसी कार या गाड़ी का रंग।

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