सार
भारत में दुनिया की पहली बीएस-VI (स्टेज-II), इलेक्ट्रिक फ्लेक्स-फ्यूल कार लॉन्च हो गई है। यह कार टोयोटा इनोवा है, जो 100% एथेनॉल फ्यूल से दौड़ेगी। इससे 40 प्रतिशत बिजली भी बड़ी ही आसानी से पैदा की जा सकती है।
ऑटो डेस्क : एथेनॉल फ्यूल से चलने वाली देश की पहली कार आ गई है। 29 अगस्त को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने एक कदम और आगे बढ़ते हुए भारत में दुनिया की पहली बीएस-VI (स्टेज-II), इलेक्ट्रिक फ्लेक्स-फ्यूल कार लॉन्च कर दिया है। यह कार टोयोटा इनोवा (Toyota Innova) है, जो 100% एथेनॉल फ्यूल से दौड़ेगी। इससे 40 प्रतिशत बिजली भी बड़ी ही आसानी से पैदा की जा सकती है। जिससे एथेनॉल की प्रभावी कीमत की लागत भी काफी कम हो जाएगी। आइए जानते हैं कैसे काम करती है एथेनॉल फ्यूल वाली कार और इसके बारें में सबकुछ....
एथेनॉल फ्यूल कार कैसे चलती है
फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल (FFV) में एक ICE होता है। यह 83 प्रतिशत तक गैसोलीन या गैसोलीन और इथेनॉल के मिश्रण पर आसानी से चलती है। इस फ्यूल को E85 भी कहा जाता है। इसमें 85% एथेनॉल फ्यूल और 15 प्रतिशत गैसोलीन या दूसरे हाइड्रोकार्बन होते हैं। पेट्रोल की तुलना में बायो-एथेनॉल में प्रति लीटर कम ऊर्जा पैदा होती है लेकिन एडवांस टेक्नोलॉजी की मदद से बायो-एथेनॉल का कैलोरी पेट्रोल के बराबर हो जाता है। एफएफवी पेट्रोल या एथेनॉल पर चलने में पूरी तरह सक्षम है, इसलिए भारत में लॉन्च होने वाला यह पहला 100 प्रतिशत ड्यूल फ्यूल वाहन है।
एथेनॉल कहां से आता है
एथेनॉल, गन्ने से चीनी बनाने की प्रक्रिया के दौरान निकलने वाला एक बाई प्रोडक्ट है। पेट्रोल और डीजल की तुलना में काफी सस्ता होता है। महंगे फ्यूल का यह अच्छा ऑप्शन हो सकता है। इसके आने से कच्चे तेल पर डिपेंड नहीं रहना होगा और इसे देश में ही बना लिया जाएगा। टोयोटा के अलावा देश की दूसरी कई कार कंपनियों ने भी एथेनॉल मिक्स फ्यूल से चलने वाली कार लाने का ऐलान किया है। मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, टोयोटा, होंडा और महिंद्रा जैसी कंपनियां इसमें शामिल हैं।
एथेनॉल फ्यूल के आने से फायदे
एथेनॉल मिक्स फ्यूल काफी सस्ता होता है। पेट्रोल की तुलना में यह कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे हानिकारक प्रदूषकों का उत्सर्जन काफी कम करता है। फ्लेक्स फ्यूल इंजन चीन, अमेरिका, ब्राजील और यूरोपीय यूनियन जैसे कई देशों में पहले से ही इस्तेमाल हो रहा है। अमेरिका, ब्राजील, यूरोपीय यूनियन और चीन के बाद एथेनॉल का सबसे ज्यादा एथेनॉल भारत में पाया जाता है।
इसे भी पढ़ें
कैसे बनता है एथेनॉल, गाड़ियों के फ्यूल के लिए क्यों है खास, जानें फायदे