सार

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कार के लिए बेहद जरूरी होता है. किसी भी तरह के एक्सीडेंट या नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी करती है। इसके बदले में आपको इंश्योरेंस कंपनी को समय-समय पर प्रीमियम भरना पड़ता है।

ऑटो डेस्क : कार को सेफ रखने के लिए अक्सर लोग इंश्योरेंस खरीदते हैं। ऐसे में बीमा कंपनी जानमाल के नुकसान की भरपाई करती है लेकिन अगर कभी अनजाने में आपकी गाड़ी किसी दूसरी गाड़ी को टक्कर मार देती है तो सामने वाले के इलाज का खर्चा या उसकी गाड़ी के डैमेज की भरपाई या अपनी गाड़ी के नुकसान को ठीक करवाने में काफी पैसा खर्च करना पड़ता है। ऐसे में बड़े खर्चे से बचने के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (Third Party Insurance) आपकी काफी हेल्प कर सकता है। आइए जानते हैं थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या हौता है और यह कितना फायदेमंद है...

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस

यह इंश्योरेंस पॉलिसी होल्डर और इंश्योरेंस कंपनी के बीच एक तरह से कानूनी समझौता होता है. जिसमें कंपनी पॉलिसी होल्डर से ये वादा करती है कि किसी भी तरह के एक्सीडेंट से होने वाले सभी तरह के नुकसान की भरपाई कंपनी करेगी। इसके बदले बीमा कंपनी पॉलिसी होल्डर से प्रीमियम लेती है। हमारे देश में सभी तरह की गाड़ियों के लिए थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस जरूरी माना जाता है। थर्ड पार्टी कवर उसी समय काम आता है, जब आपकी गाड़ी से किसी तीसरे का नुकसान हो जाता है।

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में क्या-क्या कवर होगा

जब आपकी गाड़ी से एक्सीडेंट होने पर किसी शख्स की मौत हो जाती है या वह जख्मी हो जाता है तब थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में इसे कवर किया जाता है। किसी प्रॉपर्टी जैसे आपकी गाड़ी से किसी गाड़ी को नुकसान तो आपको उसे जो पैसा देना होता है, उसकी भरपाई इंश्योरेंस कंपनी करती है। आप इंश्योरेंस क्लेम तभी कर पाते हैं, जब एक्सीडेंट के समय आपकी गाड़ी ट्रैफिक नियमों का पूरी तरह पालन कर रही हो। अगर आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है या शराब जैसी नशीली चीजों का सेवन किया है तो इंश्योरेंस का फायदा नहीं मिलेगा।

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्लेम करने का तरीका

  • सबसे पहले अपनी गाड़ी से हुए नुकसान की जानकारी बीमा कंपनी को दें.
  • इसके बाद पुलिस थाने में FIR दर्ज कराएं. इसमें बीमा क्लेम की जानकारी भी शामिल करें.
  • FIR की एक कॉपी अपने पास और दूसरी क्लेम रजिस्टर होने के बाद MACT के पास जाएगी.
  • ट्रिब्यूनल की जांच के बाद पता चलता है कि कितने का नुकसान हुआ है.
  • MACT के फैसले के हिसाब से बीमा कंपनी के पास थर्ड पार्टी क्लेम जमा करें.
  • क्लेम के बाद इंश्योरेंस कंपनी आपकी ओर से नुकसान होने वाले यानी थर्ड पार्टी को नुकसान के पैसे ट्रांसफर कर देगी.

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