सार

बारिश के मौसम में कार को सुरक्षित और सही जगह पार्क करना बेहद ज़रूरी होता है। गीली और ऊबड़-खाबड़ जगहों पर गलत तरीके से कार पार्क करने से सिर्फ़ इंजन ही नहीं, बल्कि कई ज़रूरी पार्ट्स को भी नुकसान पहुँच सकता है।

ऑटो डेस्क : बारिश के मौसम में अपनी कार को सुरक्षित और सही जगह पार्क करना बेहद ज़रूरी होता है। गीली और ऊबड़-खाबड़ जगहों पर गलत तरीके से कार पार्क करने से सिर्फ़ इंजन ही नहीं, बल्कि कई ज़रूरी पार्ट्स को भी नुकसान पहुँच सकता है। इस आर्टिकल में, हम आपको बारिश में कार पार्किंग के कुछ अहम टिप्स बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप अपनी कार को सुरक्षित रख सकते हैं और जान सकते हैं कि गलत पार्किंग से कौन से पार्ट्स खराब हो सकते हैं। 

इन बातों का ध्यान रखकर बारिश में करें अपनी कार पार्क-

ऊंची जगह पर पार्क करें
हमेशा कोशिश करें कि कार ऐसी जगह पार्क करें जहाँ पानी जमा न हो। गीली और नीची जगहों पर गाड़ी पार्क करने से बचें, क्योंकि वहां पानी भरने की आशंका ज़्यादा होती है। इससे आपकी कार के अंडरबॉडी और इंजन को सुरक्षा मिलती है।

सीलिंग की जाँच करें
कार के शीशों और दरवाज़ों की सीलिंग की समय-समय पर जाँच करते रहना चाहिए। बारिश के मौसम में यह और भी ज़रूरी हो जाता है। इसलिए, यह सुनिश्चित कर लें कि कहीं से भी पानी अंदर न आ रहा हो। सही सीलिंग आपकी कार के इंटीरियर को सूखा और सुरक्षित रखेगी।

ब्रेक सावधानी से लगाएं
बारिश में अपनी कार पार्क करते समय, ब्रेक सावधानी से लगाएं। 

इंजन की जाँच करें
हमेशा ध्यान रखें कि इंजन के आसपास पानी जमा न हो। अगर आप लंबे समय तक कार को बाहर पार्क करके रखते हैं, तो ध्यान रखें कि इंजन के कनेक्शन और इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स पानी से दूर रहें।

एंटी रस्ट कोटिंग का इस्तेमाल करें
अपनी कार के नीचे के हिस्से पर एंटी रस्ट कोटिंग लगवाएँ। यह कोटिंग जंग को रोकती है और गीले मौसम में कार की सुरक्षा को बेहतर बनाती है।

छाया में पार्क करें
जहाँंतक हो सके, कार को छायादार जगह पर पार्क करने की कोशिश करें। खुले में कार पार्क करने से कार की लाइफ पर असर पड़ता है। इससे उसके पेंट को भी नुकसान पहुँच सकता है।

बारिश में कार गलत पार्क करने से ये पार्ट्स हो सकते हैं खराब
बारिश में कार गलत पार्क करने से इंजन को नुकसान पहुँच सकता है। कार के इलेक्ट्रिकल सिस्टम, जैसे वायरिंग, फ्यूज बॉक्स आदि में पानी जा सकता है। इससे शॉर्ट सर्किट या आग लगने का खतरा भी हो सकता है। इसके अलावा ब्रेक सिस्टम, टायर, एग्जॉस्ट सिस्टम, फ्यूल सिस्टम, सस्पेंशन सिस्टम, कार के इंटीरियर को भी नुकसान पहुँच सकता है।