सार
फ्यूल एडिटिव्स वो ऑयल बेस्ड लिक्विड होता है जिसमें ऑक्टेन की मात्रा काफी ज्यादा होती है। इसे कोरोजन और इंजेक्टर में आने वाले कचरे को साफ करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या वाकई में यह फ्यूल एडिटिव्स आपकी गाड़ी को फायदा पहुंचाते हैं या नुकसान ? जानिए यहां...
ऑटो न्यूज. मार्केट में इन दिनों कई बड़ी ऑयल कंपनियों ने भी फ्यूल एडिटिव्स लॉन्च कर दिए हैं। आप इन्हें पेट्रोल पंप पर भी कुछ लोगों को पेट्रोल और डीजल के साथ गाड़ी में डालते हुए देखते होंगे। इन्हें लेकर आमतौर पर यह धारणा है कि फ्यूल एडिटिव्स (Fuel Additives) गाड़ी के इंजन को स्मूद बनाते हैं। हालांकि, सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या वाकई में यह फ्यूल एडिटिव्स आपकी गाड़ी को फायदा पहुंचाते हैं या नुकसान ? यहां इस खबर में हम आपको फ्यूल एडिटिव्स से जुड़ी कई अहम जानकारी देने जा रहे हैं।
क्या हैं फ्यूल एडिटिव्स ?
तो सबसे पहले जान लेते हैं कि आखिर फ्यूल एडिटिव्स हैं क्या? तो फ्यूल एडिटिव्स वो ऑयल बेस्ड लिक्विड होता है जिसमें ऑक्टेन की मात्रा काफी ज्यादा होती है। इसे कोरोजन और इंजेक्टर में आने वाले कचरे को साफ करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
कैसे काम करते हैं एडिटिव्स
फ्यूल एडिटिव्स, पेट्रोल और डीजल की Octane रेटिंग बढ़ाते हैं, जंग अवरोधक या Lubricant के रूप में काम करते हैं। इस तरह से यह इंजन को अधिक क्षमता और शक्ति देने के लिए higher compression ratios उपयोग करने की अनुमति देते हैं। एडिटिव्स कई प्रकार के होते हैं और इसमें मेटल डिएक्टिवेटर, जंग अवरोधक, ऑक्सीजन और एंटीऑक्सिडेंट शामिल हैं।
क्या होती है कीमत?
आपको यह मार्केट और पेट्रोल पंप दोनों ही जगह मिल जाएंगे। जहां इनकी कीमत 100 से 500 रुपए तक होती है। आमतौर पर 1 लीटर पेट्रोल पर 1 एमएल फ्यूल एडिटिव्स डाला जाता है।
कैसे करते हैं काम?
- पेट्रोल या डीजल के साथ मिलाए जाने पर ये गाड़ी के इंजन तक पहुंचते हैं.
- इंजन तक पहुंचने के दौरान ये डीजल या पेट्रोल फिल्टर से होते हुए गुजरते हैं.
- इसके बाद ये इंजेक्टर में फंसे कचरे को धीरे धीरे साफ करना शुरू करते हैं.
- इंजन के पिस्टन पर जमे ऑयल और डिपॉजिशन को समय के साथ साफ कर देते हैं.
फ्यूल एडिटिव्स के फायदे
- माइलेज में हल्की बढ़त दिखती है और पिकअप भी बढ़ा हुआ फील होता है।
- व्हीकल की परफॉर्मेंस में भी कुछ समय के लिए फर्क साफ नजर आता है।
- व्हीकल के इंजन और इंजेक्टर को बिना किसी फ्लशिंग के भी साफ कर देते हैं।
फ्यूल एडिटिव्स के नुकसान
- एक्सपर्टस की मानें तो फ्यूल एडिटिव को गाड़ी में हमेशा तभी यूज करना चाहिए जब आपकी गाड़ी 1 लाख किमी के आसपास चल चुकी हो।
- कहा जाता है कि इसे कभी भी नई गाड़ी में यूज नहीं करने चाहिए।
- कई बार ये डीजल फिल्टर से होकर गुजरते हैं तो ये वहां पर जमा पेट्रोल-डीजल की गंदगी के साथ इंजन तक को अपने साथ डिजॉल्व करके ले जाते हैं। इसी के चलते कार से धुंआ भी निकलने लगता है।
- इसके अलावा एडिटिव कार्बन पार्टिकल्स पर इतना स्ट्रॉन्ग अटैक करते हैं कि इंजेक्टर्स एक समय के बाद एक्स्ट्रा फ्यूल स्प्रे करने लगते हैं।
- आमतौर पर ये एडिटिव कोरोजन को हटाने का काम करते हैं पर कभी-कभी इसी दौरान वे पिस्टन लेयर को भी हटाने का काम कर देते हैं। इससे आपकी गाड़ी का इंजन समय से पहले ही खराब हो सकता है।
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