सार

एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पुरानी कारों को  2020 की तुलना में 7-10 प्रतिशत अधिक कीमत पर बेचा जा रहा है। दरअसल मौजूदा समय में पुरानी कारों की सप्लाई कम है, इसके पीछे की वजह बताई जारही हैं कि  वाहन मालिक मौजूदा मॉडलों को अपग्रेड करने या बदलने में देरी कर रहे हैं।

ऑटो डेस्क। देश में बहुत तेजी से सेंकेंड हैंड कारों का कारोबार बढ़ रहा है। भारत में पुरानी कारें न केवल  नई कारों की बिक्री को पीछे छोड़ रही हैं, बल्कि पिछले वर्ष में कीमतों में 10 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी गई है। लाइवमिंट की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पुरानी कारों को  2020 की तुलना में 7-10 प्रतिशत अधिक कीमत पर बेचा जा रहा है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि मौजूदा समय में पुरानी कारों की सप्लाई कम है, क्योंकि वाहन मालिकों की कमाई रुकने की वजह से वह मौजूदा मॉडलों को अपग्रेड करने या बदलने में देरी कर रहे हैं। वहीं संबंधित दिक्कतों और high inflation से उनकी क्रय शक्ति कम हो रही है। 

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यूज्ड कारों का बढ़ रहा मार्केट
कारों की बढ़ती कीमतों के बारे में बोलते हुए, मारुति सुजुकी के कार्यकारी निदेशक, शशांक श्रीवास्तव (Shashank Srivastava, executive director, Maruti Suzuki) ने कहा कि कई ग्राहक जो नई कार खरीदने के लिए पैसे बचा रहे थे, वे पाते हैं कि जब तक वे बाजार में खरीदारी करने आते हैं, कीमतें बढ़ जाती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में, एक यूज्ड कार उनके बजट में बेहतर फिट हो जाती है। श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि 10 साल में कारों के मूल्य में तेजी से गिरावट देखी जा सकती है, क्योंकि विभिन्न राज्यों ने पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए नीतियां लागू कीं हैं।

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वाहन मालिक कर रहे जल्द गाड़ी बदलने की आदत में बदलाव
मिंट रिपोर्ट में आगे दावा किया गया है कि कुल बिक्री के प्रतिशत के रूप में एक पुरानी कार को रिप्लेस करने वाले वाहन मालिकों की संख्या 2020-21 में पूर्व-कोविड समय के दौरान 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत हो गई है। इसका वजह यह है कि वाहन मालिक लंबी अवधि के लिए अपनी कारों को रखना पसंद कर रहे हैं और पिछले साल की औसत अवधि आठ साल से बढ़कर नौ साल हो गई है। हालांकि, श्रीवास्तव ने कहा कि replacement खरीद बढ़ रही है, और इस साल फरवरी में  exchange penetration 19 फीसदी रही थी।

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ओल्ड कारों की कीमतें बढ़ी
वही्ं इस मुद्दे पर महिंद्रा फर्स्ट चॉइस व्हील्स के टॉप अधिकारी  आशुतोष पांडे (Ashutosh Pandey, chief executive and managing director of Mahindra) ने कहा कि इस्तेमाल की गई कारें हमेशा सप्लाई को रोकने का काम करती हैं। हाल ही में मांग में तेजी ने इस अंतर को और बढ़ा दिया है। पांडे ने कहा, "इससे पुरानी कारों की कीमतों में 5-15% की वृद्धि हुई है।"

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