सार

बीजेपी नेताओं के साथ हुई इस बैठक में चिराग पासवान ने कहा कि बात नहीं बनने की हालत में पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से 143 सीटों पर चुनाव लड़ने का दबाव है। लोजपा पहले से कहती आ रही है कि सीट बंटवारे में पार्टी को 42 सीटें मिलनी चाहिए। वैसे सूत्रों के मुताबिक, लोजपा और बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व लगातार एक दूसरे के संपर्क में हैं, ताकि सीट बंटवारे पर जारी गतिरोध को खत्म किया जा सके।

पटना (Bihar) । बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) में एनडीए को एकजुट करने की पूरी कोशिश चल रही है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP president JP Nadda) और गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) के बीच चल रही मीटिंग में भी इस मुद्दे को लेकर चर्चा हुई है। इसके पहले लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान (Janashakti Party President Chirag Paswan) के साथ हुई मीटिंग के बाद अमित शाह ने दावा किया है कि हर हाल में एनडीए एकजुट रहेगा। वहीं, दूसरी ओर अब यह भी खबर आ रही है कि चिराग पासवान ने तीन अक्टूबर को अपने पार्टी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि इस बैठक में एनडीए के साथ सीट शेयरिंग को लेकर चल रही खींचतान के बीच वो कोई बड़ा फैसला भी ले सकते हैं। बता दें कि 28 अक्टूबर को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए एक अक्टूबर से नामांकन शुरू हो गया है। 

नीतीश की फिर शिकायत
बताते चले कि एक दिन पहले ही चिराग पासवान ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने उन्हें संतुष्ट करने का प्रयास किया। इस दौरान चिराग ने सीएम नीतीश कुमार की शिकायत भी की। वहीं, दोनों पार्टियों के संबंधों को लेकर अमित शाह ने चिराग पासवान से कहा कि बीजेपी और लोजपा के बीच कोई कटुता नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने यगां तक कहा कि बिहार चुनाव में एनडीए गठबंधन का एकजुट रहना जरूरी है।

क्या चाहते हैं चिराग
बीजेपी नेताओं के साथ हुई इस बैठक में चिराग पासवान ने कहा कि बात नहीं बनने की हालत में पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से 143 सीटों पर चुनाव लड़ने का दबाव है। लोजपा पहले से कहती आ रही है कि सीट बंटवारे में पार्टी को 42 सीटें मिलनी चाहिए। वैसे सूत्रों के मुताबिक, लोजपा और बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व लगातार एक दूसरे के संपर्क में हैं, ताकि सीट बंटवारे पर जारी गतिरोध को खत्म किया जा सके।

पिछले चुनाव में चिराग के कोटे में आई थी 42 सीट
एनडीए के तहत वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में लोजपा के 42 उम्मीदवार मैदान में थे। इस बार एनडीए का हिस्सा जदयू भी है। जदयू की दावेदारी काफी अधिक है। ऐसे में एनडीए के तहत 2015 के बराबर लोजपा को सीटें मिलनी मुश्किल है। 

इस वजह से भी नहीं मान रहे हैं चिराग
राजनीत के जानकार बताते हैं कि एनडीए के तहत लोजपा लड़ती भी है तो उसे कौन-कौन सी सीटें मिलेंगी, यह तय नहीं है। सीटों पर ही तय होगा कि किसे टिकट मिलेगा और किसे नहीं। वर्ष 2015 में लोजपा को दो सीटों पर विजय मिली थी। 

इस सीट को चाहते हैं सभी दल
पिछले चुनाव में तरारी विधानसभा में लोजपा के उम्मीदवार मात्र 272 वोट से माले से हार गए थे। ऐसे में लोजपा किसी भी कीमत में तरारी सीट छोडने को तैयार नहीं है। वहीं, इस सीट पर भाजपा भी अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है। इन्हीं सब कारणों से लोजपा के टिकट के दावेदार खासे परेशान हैं। लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान की भाजपा के आला नेताओं से कई दौर की बात हुई है और यह जारी भी है।