सार
बिहार कांग्रेस (Bihar Congress) के प्रभारी रह चुके दिग्विजय, पार्टी के उन नेताओं में गिने जाते हैं जो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और बीजेपी की राजनीति को लेकर काफी आक्रामक रहे हैं।
पटना। हाल ही में लंबे समय बाद कांग्रेस की सीडबल्यूसी में दिग्विजय सिंह (Digvijay singh) की वापसी हुई है। वापसी के साथ ही कांग्रेस के पूर्व महासचिव और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के तेवर तीखे नजर आने लगे हैं। बिहार कांग्रेस (Bihar Congress) के प्रभारी रह चुके दिग्विजय, पार्टी के उन नेताओं में गिने जाते हैं जो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और बीजेपी की राजनीति को लेकर काफी आक्रामक रहे हैं। बिहार चुनाव के लिए पार्टी की एक वर्चुअल रैली में असदुद्दीन ओवैसी (Owaisi) के बहाने उन्होंने जमकर बीजेपी को कोसा।
गोपालगंज की बिहार क्रांति वर्चुअल रैली में दिग्विजय ने आरोप लगाया कि ओवैसी के साथ बीजेपी (BJP) की सांठ-गाठ है। उन्होंने कहा, "गोडसे की विचारधारा के खिलाफ विपक्ष को एकजुट होना होगा।" यह भी कहा कि चुनाव आते ही बीजेपी, ओवैसी के साथ मिलकर बिहार में लोगों को बरगलाना शुरू कर देती है। ऐसे लोगों (ओवैसी) से जनता सावधान रहे।
जनता प्रधानमंत्री से मांगे हिसाब
रैली में कांग्रेस के पूर्व महासचिव शकील अहमद खान ने भी केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर बेरोजगारी के आंकड़ों को साझा करते हुए निशाना साधा। उन्होंने कहा, "मोदी बिहार आएं तो जनता को उनसे पिछले पैकेज का हिसाब-किताब जरूर लेना चाहिए।" वर्चुअल रैली में कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की भी आलोचना की।
नीतीश की सरकार जनविरोधी
कांग्रेस ने कहा कि नीतीश की एनडीए (NDA) सरकार जनविरोधी है। बिहार चुनाव को भविष्य की राजनीति प्रभावित करने वाला बताते हुए नेताओं ने एनडीए की सरकार को हराने की अपील की। वर्चुअल रैली में पार्टी के कई दिग्गज नेता शामिल हुए। नेताओं ने अपने भाषण में केंद्र और राज्य सरकार को जमकर खरी खोटी सुनाई। बताते चलें कि कांग्रेस की वर्चुअल रैली बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हुई। पार्टी महागठबंधन में शामिल है और आरजेडी के बाद दूसरा बड़ा दल है। बिहार में नवंबर के अंत तक विधानसभा चुनाव करा लिया जाएगा। हालांकि अभीतक चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान नहीं किया है