सार

पार्टी सोशल प्लेटफॉर्म पर दूसरे दलों की तरह आक्रामक नजर नहीं आ रही है। उधर, वर्चुअल रैलियों के अलावा बीजेपी, जेडीयू की जनसभाओं को भी सोशल प्लेटफॉर्म पर लाइव किया जा रहा है। 

पटना। बिहार में विधानसभा (Bihar Polls 2020) की जंग में एनडीए (NDA) सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के आगे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) सीएम पद का फेस हैं। आज से उनकी जनसभाओं का दौर भी शुरू हो गया। आज आरजेडी (RJD) नेता ने महागठबंधन (Mahagathbandhan) के पक्ष में कहलगांव विधानसभा क्षेत्र में जनसभा भी की। लेकिन आरजेडी के ही सोशल प्लेटफॉर्म पर पार्टी के जनसम्पर्क और सभाओं की जानकारी नदारद है। 

दूसरी ओर से बिहार के तमाम बड़े दल सोशल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल अपनी बात ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए करते दिख रहे हैं। आरजेडी के मामले में फिलहाल ऐसा नहीं दिख रहा। पार्टी सोशल प्लेटफॉर्म पर दूसरे दलों की तरह आक्रामक नजर नहीं आ रही है। उधर, वर्चुअल रैलियों के अलावा बीजेपी, जेडीयू की जनसभाओं को भी सोशल प्लेटफॉर्म पर लाइव किया जा रहा है। 

पार्टी का आईटी सेल कमजोर 
आज कहलगांव में कांग्रेस प्रत्याशी शुभानंद मुकेश के लिए तेजस्वी सभा करने आए मगर खुद उनके सोशल प्लेटफॉर्म और पार्टी के आधिकारिक प्लेटफॉर्म्स पर सभा की जानकारी गायब है। चुनावी मौसम होने के बावजूद दूसरे नेताओं के मुक़ाबले तेजस्वी के सोशल प्लेटफॉर्म पर भी सक्रियता बेहद कम है। हो सकता है कि यह आरजेडी की कोई रणनीति हो। लेकिन ये साफ है कि पार्टी का आईटी सेल सोशल प्लेटफॉर्म को भुना नहीं पा रहा है।   

कहलगांव में क्या कहा तेजस्वी ने? 
शुक्रवार को तेजस्वी ने कहा- महागठबंधन की सरकार बनी तो वो नियोजित शिक्षकों को समान काम पर समान वेतन देंगे। उनके परिवार को भी वृद्धा पेंशन की व्यवस्था की जाएगी। तेजस्वी ने राज्य की तरक्की और विकास के लिए जनता से एक मौका मांगा। 

10 लाख युवाओं को नौकरी 
एनडीए पर आक्रामक नजर आ रहे तेजस्वी ने फिर दावा किया कि महागठबंधन की सरकार बनते ही पहले हस्ताक्षर से वो 10 लाख बेरोजगारों को नौकरी देंगे। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य में एनडीए की सरकार होने के बावजूद बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला। कोई विशेष पैकेज भी नहीं मिला। राजमार्गों की हालत खस्ता है। तेजस्वी ने आरजेडी सरकार की कई विकास परियोजना को अधर में भी लटकाने का आरोप लगाया। 

बताते चलें कि इस बार लालू यादव जेल में होने की वजह से प्रचार में शामिल नहीं होंगे। तेजस्वी के कंधों पर ही पूरे चुनाव का दारोमदार है। 

(फाइल फोटो)