सार
राज्य में नीतीश के खिलाफ बीजेपी लीडरशिप के पक्ष में चिराग के बयान के बाद बिहार सरकार के दिग्गज मंत्री का बयान भी आ गया है। स्वाभाविक था कि 'एनडीए का चेहरा' कौन पर बहस शुरू हो जाएगी। बीजेपी मंत्री प्रेम कुमार का बयान जेडीयू को बिल्कुल पसंद नहीं आया।
पटना। बिहार में चुनाव की (Bihar Assembly Polls 2020) घोषणा से पहले ही गठबंधन के सहयोगी दलों में वर्चस्व को लेकर एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा दिख रही है। राज्य में नीतीश के खिलाफ बीजेपी (BJP) लीडरशिप के पक्ष में चिराग (Chirag Paswan) के बयान के बाद बिहार सरकार के दिग्गज मंत्री का बयान भी आ गया है। स्वाभाविक था कि 'एनडीए का चेहरा' कौन पर बहस शुरू हो जाएगी। बीजेपी मंत्री प्रेम कुमार (Prem Kumar) का बयान जेडीयू (JDU) को बिल्कुल पसंद नहीं आया है। पार्टी ने सार्वजनिक रूप से आपत्ति जताई है।
जेडीयू ने एक बार फिर साफ किया कि राज्य में 243 विधानसभा सीटों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अगुवाई में ही चुनाव लड़ा जाएगा। पार्टी ने यह भी कहा, बिहार में एनडीए (NDA) की लड़ाई का वही चेहरा हैं। दरअसल, जेडीयू की ओर से ये जवाब प्रेम कुमार के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने नीतीश को इशारों में एनडीए का मुखौटा करार दे दिया। कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा था, "चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में होगा, मगर चुनाव में सबसे बड़ा चेहरा पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ही होंगे।"
बिहार में नीतीश का चेहरा बड़ा या पीएम मोदी
हाल में बिहार के लिए पीएम की घोषणाओं का जिक्र करते हुए प्रेम कुमार ने यह भी कहा था कि मोदी सरकार ने जिन योजनाओं को राज्य में लागू किया है, मतदाताओं से उनपर भी वोट मांगे जा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले सात साल में नरेंद्र मोदी की सरकार ने बिहार के लिए जितना किया है उतना आजतक किसी और सरकार ने नहीं किया। बिहार में मोदी को नीतीश से भी बड़ा चेहरा बताए जाने की बात एनडीए की सहयोगी जेडीयू को पसंद नहीं आई है।
नीतीश के नाम पर पहले ही सहमति
वैसे यह भी बता दें कि बीजेपी के केंद्रीय नेताओं ने चुनावी अभियान की शुरुआत से पहले ही साफ कर दिया था कि नीतीश के नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। मगर एनडीए में नीतीश को लेकर एलजेपी (LJP) चीफ चिराग पासवान लगातार बयान दे रहे हैं। वह उनके कामकाज पर भी सवाल उठा चुके हैं और यह भी मांग कर चुके हैं इस बार मुख्यमंत्री का चेहरा बीजेपी से हो। बीजेपी ने चिराग के बयान का न तो खुलकर विरोध किया और समर्थन भी नहीं किया। चिराग की नज़दीकियां भी बीजेपी के साथ जगजाहिर हैं। अब बिहार बीजेपी के नेताओं की ओर से भी मुख्यमंत्री का पद और एनडीए के चेहरे को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई है।
क्या अभी से वर्चस्व की लड़ाई
माना जा रहा था कि एनडीए में वर्चस्व को लेकर इस तरह की बयानबाजी का दौर शुरू हुआ। ताकत संतुलन के लिए नीतीश ने हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा (Hindustani Awami Morcha) चीफ जीतनराम मांझी (Jeetanram Manjhi) को तोड़कर कुछ हफ्ते पहले एनडीए में मिला लिया। मांझी के अबतक के बयान को देखें तो उन्होंने नीतीश की वजह से 143 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की धमकी देने वाले चिराग पर काफी निशाना साधा है। मांझी के अब तक के रुख से यह साफ हो चुका है कि एनडीए में दो धड़े हैं। जेडीयू के साथ मांझी जबकि बीजेपी के साथ चिराग।
एनडीए में दिख रहे दो धड़े
एनडीए में दो धड़ों की एक वजह भी है। बिहार बीजेपी में एक समूह नीतीश कुमार का विरोध करता रहा है। इन नेताओं का तो यहां तक मानना है कि नरेंद्र मोदी के चेहरे को आगे कर ही चुनाव में जाना जरूरी है। मोदी ने एक पर जिस तरह से परियोजनाओं की घोषणा की है उससे तो यही ल रहा है कि आने वाले दिनों में एनडीए के अंदर मोदी बनाम नीतीश की बहस और तेज हो सकती है।