सार
आरएलएसपी (RLSP) चीफ उपेंद्र कुशवाहा के बाद अब वीआईपी (VIP) चीफ मुकेश साहनी भी अपनी मांग पर अड़े नजर आ रहे हैं। चर्चाओं की मानें तो साहनी ने खुद को डिप्टी सीएम का चेहरा बनाने की मांग की है।
पटना। राज्य में 243 विधानसभा सीटों के लिए तारीखों का ऐलान होने के बावजूद दोनों बड़े गठबंधनों में अभी तक सीटों का समझौता नहीं हो पाया है। ये समझौता सहयोगी दलों की ओर से ज्यादा से ज्यादा सीटों की मांग की वजह से अटका पड़ा है। आरएलएसपी (RLSP) चीफ उपेंद्र कुशवाहा के बाद अब वीआईपी (VIP) चीफ मुकेश साहनी भी अपनी मांग पर अड़े नजर आ रहे हैं। चर्चाओं की मानें तो साहनी ने खुद को डिप्टी सीएम का चेहरा बनाने की मांग की है। हालांकि महागठबंधन (Mahagathbandhan) में उनके दल की जो स्थिति है उसे देखते हुए लग नहीं रहा कि कोई उनकी मांग को गंभीरता से लेगा।
साहनी (Mukesh Sahani) ने अपनी मांग के साथ आरजेडी (RJD) नेता तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) और दिल्ली में कांग्रेस नेता अहमद पटेल (Ahemad Patel) से भी मुलाकात की। वीआईपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव मिश्रा (Rajeev Mishra) ने इसकी पुष्टि की है। पार्टी ने 25 सीटों पर दावा भी पेश किया है। हालांकि महागठबंधन के जिस फॉर्मूले की चर्चा है उसमें साहनी को 10 से भी कम सीटें देने की बात सामने आ रही है। अब इस स्थिति में मुश्किल दिख रहा है कि आरजेडी या कांग्रेस, वीआईपी की मांग को ज्यादा तवज्जो दे।
स्टंटबाजी में फंस गए कुशवाहा
महागठबंधन सीटों की शेयरिंग का एक फॉर्मूला काफी चर्चा में है। इसके तहत 145 से ज्यादा सीटों पर आरजेडी, 65 से ज्यादा सीटों पर कांग्रेस, वाम दलों के हिस्से में 20 सीटें और बाकी में कुशवाहा (Upendra Kushwaha) और साहनी के हिस्से जाना बताया जा रहा है। इसमें भी साहनी से ज्यादा सीटें कुशवाहा के खाते में बताई जा रही हैं। आरएलएसपी चीफ कुशवाहा ने समझौते को लेकर खुलेआम नाराजगी जताई है और उनके एनडीए (NDA) में भी जाने की चर्चा है। मगर अभी उन्होंने आधिकारिक रूप से कोई ऐलान नहीं किया है। दरअसल, एनडीए में भी उनके आने को लेकर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कोई खास गर्मजोशी नहीं दिखाई है। तेजस्वी की बजाय खुद को मुख्यमंत्री का चेहरा बताकर सीटों के लेनदेन के चक्कर में कुशवाहा बुरे फंस गए हैं।
कांग्रेस की बल्ले-बल्ले
वैसे महागठबंधन में कांग्रेस (Congress) अभी भी 80 सीटें मांग रही है। लेकिन 65 से ज्यादा सीटों पर भी पार्टी अंदर ही अंदर खुश है। पिछली बार 2015 के चुनाव में कांग्रेस को 40 से ज्यादा सीटें मिली थीं। हालांकि वामदलों ने महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर असंतोष जताया है। माना जा रहा है कि इसी फॉर्मूले पर बंटवारा होगा। कुशवाहा के बाहर जाने की स्थिति में उनकी सीटें कांग्रेस, वामदलों और साहनी के बीच बंट सकती हैं।