सार

टिस की रिपोर्ट के बाद मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की खौफनाक कहानी सामने आई थी। मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के साथ-साथ 21 अन्य के खिलाफ दिल्ली की साकेट कोर्ट में सुनवाई होनी थी।

मुजफ्फरपुर। बहुचर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस में दिल्ली की साकेत कोर्ट को आज अपना फैसला सुनाया था। लेकिन एडिशनल सेशन जज के छुट्टी पर रहने के कारण आज फैसला नहीं सुनाया जा सका। बता दें कि इस मामले का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर है। जो इस समय पंजाब के एक जेल में बंद है। ब्रजेश के अलावा इस मामले में 21 अन्य आोरपी है। बालिका गृह में रखी जाने वाली नाबलिग लड़कियों से दुराचार के इस केस में पॉस्को एक्ट के तहत मामला चल रहा है। 

एक अक्टूबर को मामले में पूरी हुई थी सुनवाई
मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली की साकेट कोर्ट के एडिशनल सेशन जज सौरभ कुलश्रेष्ट गुरुवार को अवकाश पर हैं। इस वजह से इस मामले में फैसला नहीं सुनाया जा सका। उल्लेखनी है कि इस केस में समजा कल्याण विभाग के कई अधिकारी भी आरोपी हैं। एक अक्टूबर को इस मामले में सुनवाई पूरी हुई थी। मामले की छानबीन में स्थानीय पुलिस के बाद सीबीआई को भी लगाया गया था। 

38 बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने का आरोप
सीबीआई की टीम ने अपनी जांच में मुजफ्फरपुर में अवस्थित बालिका गृह की खुदाई भी कराई थी। कथित तौर पर इस मामले में 38 लड़कियों के साथ दुष्कर्म हुआ था। बता दें कि लावारिश मिलने वाली बच्चियों को समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित की जाने वाली बालिका गृह में रखा जाता है। मुजफ्फरपुर बालिका गृह का संचालन ब्रजेश ठाकुर करता था। ब्रजेश पर बच्चियों के साथ मारपीट और दुष्कर्म करने का आरोप है।  

टिस की रिपोर्ट के बाद हुआ था खुलासा
इस मामले का खुलासा  टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की रिपोर्ट के बाद हुआ था। टिस ने बिहार के 14 जिलों में संचालित शेल्टर होम पर अपनी विस्तृत रिपोर्ट दी थी। जिसमें सबसे ज्यादा मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम में रहने वाली लड़कियों के साथ दुराचार का जिक्र था। टिस की रिपोर्ट पर अन्य जिलों के शेल्टर होम पर छानबीन चल रही है। 

फाइल फोटो