सार
एक साथ नालंदा में इतनी मौत के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। इस जहरीली शराब ने कीसी के पिता तो किसी के पति को मौत की नींद सुला दिया है। कोई अनाथ हो गया तो किसी का सुहाग ही उजड़ गया। वहीं जिले के जब सोहरहाय गांव में एक साथ तीन अर्थियां उठीं तो पूरे गांव में मातम की चीखें सुनाई देने लगीं।
नालंदा. बिहार में जहरीली शराब पीकर मरने वालों का सिलसिला थमने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है। अब संख्या बढ़कर 10 हो गई है। हैरानी की बात यह है कि यह पूरा मामला मुख्यंत्री नीतीश कुमार के अपने गृह जिले नालंदा का है, जहां जहरीली शराब से 10 लोगों की सांसे थम गईं। अब इस पूरे मामले में सियासत भी गरमा गई है। विपक्ष जहां राज्य सरकार को निशाने पर लिए हुए है तो वहीं सत्तधारी पार्टी के सहोयोगी दलों के बीच भी जुबानी जंग देखने को मिलने लगी है। लेकिन उन लोगों का क्या कसूर जिनके परिवार अब अनाथ हो गए हैं।
किसी का सुहाग उजड़ा तो किसी के सिर से पिता का साया
एक साथ नालंदा में इतनी मौत के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। इस जहरीली शराब ने कीसी के पिता तो किसी के पति को मौत की नींद सुला दिया है। कोई अनाथ हो गया तो किसी का सुहाग ही उजड़ गया। वहीं जिले के जब सोहरहाय गांव में एक साथ तीन अर्थियां उठीं तो पूरे गांव में मातम की चीखें सुनाई देने लगीं। परिजन मृतकों के शव पर सिर रख छाती पीटते रहे। इतना सब होने के बाद भी जिला प्रशासन और पुलिस लोगों की मौत की वजह जहरीली शराब नहीं मानने को तैयार हैं।
रात को शराब पीकर सोए..सुबह तक मौत
बता दें कि सोहरहाय गांव में तीन लोगों की मौत के बाद डीएम और एसपी पुलिस महकमे के साथ पहुंचे थे। जहां उन्होंने मृतकों के परिजनों से पूछताछ की और मामले की गंभीरता से जांच करने का आश्वासन भी दिया। हालांकि अधिकारी यह भी कहते नजर आए कि मरने की वजह सिर्फ शराब नहीं हो सकती है। वहीं जिले में शराब पकड़ने के लिए अभियान भी चालाया गया, जिसमें कई लीटर अवैध शराब को पकड़ा गया।य़ परिजनों का कहना है कि रात को शराब पीकर सोए थे, लेकिन सुबह तक वह दम तोड़ चुके थे।
पिता की मौत पर एक बेटी ने बयां किया दर्द
वहीं एक मृतक की बेटी ज्योति देवी ने पुलिस प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अवैध शराब का यह काला कारोबार सब पुलिस की देखरेख में फल-फूल रहा है। अगर पुलिस-प्रशासन चाहे तो कोई शराब की एक बूंद भी नहीं बेच सकता है। लेकिन जानकर और पैसों की लालच में कोई कार्रवाई नहीं करता है। अगर आज शराब नहीं बिकती तो मेरे पिता जिंदा होते।
सरकार के साथ देने वालों ने कानून रद्द करने की उठाई मांग
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में 10 लोगों की मौत के बाद अब एनडीए की सहयोगी और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी युवा मोर्चा ने बिहार में शराबबंदी कानून समाप्त करने की बड़ी मांग उठाई है। मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवन का कहना है कि नालंदा में जहरीली शराब कांड से यह स्पष्ट हो गया है कि बिहार में शराबबंदी कानून पूरी तरीके से फेल हो चुका है और अब इसे रद्द कर देना चाहिए।
मुख्यमंत्री का कानून पूरी तरह से हुआ फैल
आरजेडी और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीएम पद से इस्तीफा तक मांग लिया है। उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि जब मु्ख्यमंत्री के गृह जिले में यह आलम है तो सोचिए पूरे बिहार में क्या हाल होगा। कहने को तो बिहार में शराबबंदी का कानून है। सीएम पुलिसवालों को शपथ दिलाते हैं की ना पीएंगे और ना पीने देंगे। फिर कैसे अपने जिले में जहर को पीने से 10 लोगों की मौत हो गई। सरकार का सारा कानून फैल हो गया है।