सार
इस मंदिर में बजरंगबली के साथ भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण की प्रतिमा स्थापति हैं। इसके साथ ही कई अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी यहां हैं। इस मंदिर को लेकर लोगों में गहरी आस्था है। दूर-दूर से लोग दर्शन करने यहां आते हैं।
कटिहार : देशभर में रामनवमी (Ram Navami 2022) धूमधाम से मनाई जा रही है। सुबह से ही भक्त आस्था में डूबे हुए हैं। इस अवसर पर बिहार (Bihar) के कटिहार (Katihar) का एक राम मंदिर खूब चर्चाओं में है। यहां एक दो नहीं बल्कि 40 साल से नॉनस्टॉप रामायण का पाठ हो रहा है। यज्ञशाला मंदिर (Yagyashala Mandir) में पिछले चार दशक से हर क्षण रामायण का पाठ किया जा रहा है। आश्चर्य की बात तो यह है कि इस मंदिर में रामायण पाठ करवाने के लिए अगले एक साल तक की एडवांस बुकिंग भी हो गई है।
अयोध्या से आए बाबा ने की थी शुरुआत
आस्था की इस अद्भुत कहानी की शुरुआत 15 दिसंबर 1982 में हुई थी। तब इस मंदिर में एक वट वृक्ष के नीचे बजरंगबली की प्रतिमा थी। मथुरा से आए एक बाबा, जिनका नाम मौनी बाबा था उन्होंने यहां रामायण पाठ की शुरुआत कराई। मौनी बाबा न तो जमीन पर बैठते थे और ना ही सोते थे। वह एक रस्सी पर रहा करते थे। एक महीने के बाद एक दिन बाबा अचानक कहीं चले गए और फिर नहीं लौटे। तभी से यहां की कमेटी ने रामायण पाठ को संभाल लिया जो आज तक निरंतर चल रहा है। यहां अखंड दीप प्रज्ज्वलित हो रही है।
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महिला या पुरुष कोई भी कर सकता है पाठ
मंदिर आयोजन समिति के मुताबिक रामायण के पाठ में कोई बाधा न आए, इसलिए काशी के पांच पंडित लगातार इसकी देखरेख के लिए रखे गए हैं। रामायण के पाठ में कोई भी महिला या पुरुष शामिल हो सकता है लेकिन इसके लिए कमेटी की अनुमति लेनी होती है। अगर कोई रामायण की बुकिंग कराना चाहे तो वह 24 घंटे के रामायण के लिए 1100 रुपए दान कर इसकी बुकिंग करा सकता है। इसके लिए 10 दिन पहले ही कमेटी को जानकारी देनी पड़ती है।
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