सार
बिहार पंचायत चुनाव 2021 (Bihar Panchayat Election) में 10वां चरण भी पूरा हो गया है। गुरुवार सुबह से मतगणना शुरू हुई और देर शाम तक परिणाम आ गए। चुनाव में कहीं खुशी कहीं गम देखने को मिला। इसी के नए चेहरों के साथ पुरानों को भी जीत मिली। लेकिन, सबसे ज्यादा चर्चा हॉट सीटों की रही। ज्यादातर पंचायतों में निवर्तमान मुखिया को हार का सामना करना पड़ा।
पटना। बिहार पंचायत चुनाव 2021 (Bihar Panchayat Election) में 10वां चरण भी पूरा हो गया है। गुरुवार सुबह से मतगणना शुरू हुई और देर शाम तक परिणाम आ गए। चुनाव में कहीं खुशी कहीं गम देखने को मिला। इसी के नए चेहरों के साथ पुरानों को भी जीत मिली। लेकिन, सबसे ज्यादा चर्चा हॉट सीटों की रही। ज्यादातर पंचायतों में निवर्तमान मुखिया को हार का सामना करना पड़ा। कई दिग्गज नेताओं के नाते-रिश्तेदार भी चुनाव हार गए हैं। सहरसा जिले की सलखुआ पंचायत से उपमुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद के चचेरे भाई राकेश कुमार भगत चुनाव हार गए। उन्हें सिर्फ 45 वोट मिले। पंचायत चुनाव में कुल 93,725 उम्मीदवार उतरे थे। इसमें मुखिया के लिए 817, जिला परिषद सदस्य के लिए 118, वार्ड सदस्य के लिए 10,981, पंचायत समिति सदस्य के लिए 1106, सरपंच के लिए 817 और पंच के लिए 10981 पदों के नतीजे आए।
भोजपुर के बड़हरा प्रखंड के क्षेत्र संख्या 28 के जिला परिषद पद पर पूर्व विधायक सरोज यादव की पत्नी सुशीला देवी तीसरे नंबर पर रहीं। किशनगंज के कोचाधामनप्रखंड की तीन पंचायतों-काठामाठा, मजगमा और बिलया में स्थानीय एएमआईएम विधायक हाजी इजहार की बहू, बेटी और सरहज हार गईं। विधायक की बहू काठामाठा और सरहज बलिया की मुखिया थी। जबकि बेटी मजगमा से पंचायत समिति सदस्य का चुनाव लड़ा और हार गईं। आलमनगर के विधायक और पूर्व मंत्री नरेद्र नारायण यादव के भतीजे बबलू यादव को भी हार का मुंह देखना पड़ा।
रिटा. आईआरएस अफसर भी मुखिया बने
उधर, सीतामढ़ी के सोनबरसा प्रखंड की सिंहवाहिनी पंचायत की चर्चित मुखिया रितु जायसवाल के पति और पूर्व आईआरएस अधिकारी अरुण कुमार चौधरी की जीत हुई। वे रिकॉर्ड वोटों से जीते। रितू राजद की प्रदेश प्रवक्ता हैं। इस बार उन्होंने खुद पंचायत चुनाव नहीं लड़ा था। वे 5 साल पहले दिल्ली से अपनी ससुराल आई थीं। 17 साल बाद यहां आकर गांव के हालात देखे तो फिर गांव में विकास की किरण लाने के लिए यहीं बस गईं।
गोपालगंज में बाप को मात, बेटे बना गांव का मुखिया
गोपालगंज जिले में बरौली की माधोपुर पंचायत में निवर्तमान मुखिया विजय प्रसाद को उनके छोटे बेटे संतोष कुमार गुप्ता ने शिकस्त दी। संतोष प्रसाद को 1981 वोट मिले और विजय प्रसाद 900 वोट पाकर तीसरे स्थान पर चले गए। नवनिर्वाचित मुखिया संतोष कुमार के मुताबिक, उसके पिता की ओर से पंचायत में जो भी विकास काम किया जा रहा था, उसके ही सहयोग से किया गया था। वह अपने पिता के हर कार्य में सहयोग बंटा रहा था। लेकिन कुछ सालों से उसके पिता विजय प्रसाद अपने बड़े बेटे से प्रभावित होकर पंचायत में विकास कार्य नहीं कर पा रहे थे। जिसके परिणाम स्वरूप वह खुद पंचायत में विकास करने के लिए चुनाव मैदान में उतर गया था।
घोसवारी में सभी मुखिया हार गए
पटना के मोकामा, घोसवारी, बेलछी और अथमलगोला की पंचायतों में लोगों ने पुराने मुखिया को दरकिनार कर दिया और नए प्रत्याशियों को जीत दिलाई। मोकामा की 15 पंचायतों में तीन मुखिया ही अपनी कुर्सी बचा पाए। घोसवारी की आठ पंचायतों और बेलछी की सात पंचायतों में पांच और अथमलगोला की आठ पंचायतों में छह नए मुखिया चुने गए।