सार
बिहार का सुपौल जिला भारत-नेपाल की सीमा है। दोनों देशों का बॉर्डर खुला होने के कारण इस क्षेत्र से तस्करी होती है। यदि तस्कर के मंसूबे में कोई अंडगा डाले तो वो लोग उसे गोली मारने से भी नहीं चुकते।
सुपौल। बिहार-नेपाल के बॉर्डर इलाके में तस्कर काफी सक्रिय है। सीमा पर तैनात एसएसबी के जवानों की नजर से बचाते हुए ये तस्कर अवैध तरीके से सामान को इधर से उधर करते हैं। तस्करों के इस काम यदि कोई आड़े आए तो उसे गोली मारने से भी बाज नहीं आते। ऐसी ही घटना में शनिवार को सुपौल में तस्करों ने पिता-पुत्र को गोली मार कर घायल कर दिया। मिली जानकारी के अनुसार शनिवार की अहले सुबह मवेशी तस्कर नेपाल से मवेशी लेकर बिहार आ रहे थे। लेकिन एसएसबी के दो जवानों को देखकर उन्होंने सुपौल के परमानंतपुर पंचायत में मवेशियों को खेत में छोड़ दिया। इसी बीच मक्के की फसल को मवेशी द्वारा बर्बाद करने की सूचना किसान को मिली। किसान के खेत पर पहुंचते ही दोनों में झड़प हो गई और तस्करों ने गोली मार कर पिता-पुत्र को घायल कर दिया।
सुपौल के परमानंदपुर की घटना
घटना सुपौल के परमानंदपुर पंचायत वार्ड 01 की है। सुबह 5 बजे तस्करों और ग्रामीणों के बीच झड़प हुई। जिसमें मवेशी तस्करों की ओर से चली गोली में किसान मो. मुर्तुजा और उनके बेटे मो. हजरत जख्मी हो गए। ग्रामीणों ने एक मवेशी तस्कर को हथियार के साथ पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया। बताया जाता है कि मवेशी तस्करों की टीम करीब 2 दर्जन से अधिक मवेशी लेकर नेपाल से आ रहे थे। इसी दौरान सुबह के अजान के समय करीब 4:30 बजे के बाद परमानंदपुर के पास तस्करों ने दो एसएसबी जवानों को देखा।
मामले की छानबीन में जुटी है पुलिस
एसएसबी के जवानों को देखते ही मवेशी तस्कर अपने साथ तस्करी कर लाए गए मवेशी को वहीं के मकई के खेत में छोड़ दिया। मवेशी जब मकई के खेत में चर रहा था तो इसकी सूचना खेत मालिक को मिली। खेत पर पहुंचे खेत के मालिक ने मवेशी को जब अपने खेत से भगाना चाहा तो तस्करों ने दोनों पिता और पुत्र को घेर लिया। इसी बीच झड़प हो गई और गोली चला दी। जिसमें एक गोली 45 वर्षीय मो मुर्तुजा के जांघ में लगी। जबकि दो गोली मो मुर्तुजा के 25 वर्षीय बेटे हजरत के पेट में लगी। थानाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह और एसडीपीओ रामानंद कुमार कौशल ने घायल पिता और पुत्र को उपचार के लिए नेपाल के विराटनगर स्थित निजी अस्पताल भेज दिया। एसडीपीओ रामानंद कुमार कौशल ने कहा कि अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है और घायलों का बयान अब तक नहीं लिया गया है। ऐसे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। मामले की छानबीन की जा रही है।