सार

मामला बिहार के बेगूसराय जिले का है। जहां के बलिया प्रखंड में अंबेडकर पार्क में एक जोड़े ने बिना पंडित और बारात के शादी की। वर और वधु ने डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा के सामने एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की खाई कसमें खाई।  
 

बेगूसराय। राज्य के बेगूसराय जिले के बलिया अनुमंडल क्षेत्र में एक अनोखी शादी हुई। जहां युवक और युवति ने अग्नि की बजाय बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा के सामने संग जीने-मरने की कसमें खाई और और एक दूसरे को जीवन साथी के रूप में स्वीकार किया। खगड़िया जिले के मछरहा निवासी ललन दास ने अपने पुत्र अमित दास की शादी बलिया प्रखंड के भगतपुरा निवासी प्रकाश दास की पुत्री कल्यााी कुमारी के साथ तय की। शादी तय होने के बाद वर और वधु पक्ष ने फिजुलखर्ची कम करने का संदेश देने के लिए बाबा साहब के समक्ष ब्याह रचाया। 

बलिया के अंबेडकर पार्क में हुई शादी
शादी समारोह बलिया प्रखंड के अंबेडकर पार्क में हुई। जहां नव दंपती ने एक दूसरे को माला पहनाई। शादी का नेतृत्व अखलि भारतीय रविदास संघ द्वारा किया गया। संघ के उमेश दास ने बताया कि वह देवी-देवताओं को तो मानते हैं, लेकिन बाबा साहब में उनकी आस्था है। इस वजह से तामझाम से दूर इस शादी का आयोजन किया गया। 

पंडित और बारात के बिना हुई शादी
लोगों को फिलुजखर्ची से बचने के पैगाम वाली इस अनेखी शादी में वर-पक्ष ने पंडित और बारातियों तक को नहीं बुलाया। शादी समारोह में वर और वधु पक्ष के नजदीकी लोग ही शामिल हुए। रविदास संघ के सदस्य उमेश दास ने बताया कि बारात पर खर्च करने की बचाय पैसे की बचत कर इसे समाज के कल्याण में लगाना उचित है। इस शादी की पूरे अनुमंडल में चर्चा में बनी।