सार
संजय कुमार 1990 बैच के IAS अफसर हैं। वह बिहार में स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग में प्रधान सचिव भी रह चुके हैं। जब संजय कुमार शिक्षा विभाग के सचिव पद पर थे, तब बिहार सरकार ने उन्हे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजा था।
पटना : बिहार (Bihar) की शिक्षा व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। आलम यह है कि अब पूर्व अधिकारी ही इसकी पोल खोल रहे हैं। राज्य के पूर्व शिक्षा सचिव और IAS ऑफिसर संजय कुमार (Sanjay Kumar) ने ट्वीट कर राज्य की उच्च शिक्षा की स्थिति पर सवाल उठाया है। साथ ही उन्होंने इस पर चिंता भी जाहिर की है। दरअसल, पटना यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी एक नोटिस को उन्होंने ट्वीट करते हुए शिक्षा विभाग और बड़े-बड़े दावों को आइना दिखाया है।
ऐसी गलतियां 'भयावह'
ऑफिसर संजय कुमार ने सूबे के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी (Vijay Choudhary) के साथ ही शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार और शिक्षा विभाग को भी ट्वीट टैग किया है। उन्होंने विश्वविद्यालय की तरफ से जारी नोटिस की गलतियों और व्याकरण अशुद्धियों को भी शेयर कर लिखा है कि इतने बड़े विश्वविद्यालय के एक प्रमुख की ओर से जारी किए गए नोटिस में जिस तरह के ग्रामर और शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, वह एक प्रोफेसर के लिए भयावह है। ऐसी गलतियां और लापरवाही हमारे उच्च शिक्षा व्यवस्था की स्थिति और स्तर पर सवाल उठाते हैं।
कौन हैं संजय कुमार, जिन्होंने उठाए सवाल
पटना यूनिवर्सिटी की नोटिस की गलतियों पर सवाल उठाने वाले संजय कुमार 1990 बैच के IAS ऑफिसर हैं। वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव भी रहते हैं। संजय कुमार बिहार में स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग में प्रमुख सचिव भी रह चुके हैं। जब वह शिक्षा विभाग के सचिव थे, तब राज्य सरकार की तरफ से उन्हे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था। वो अभी दिल्ली में केंद्रीय यूथ अफेयर मिनिस्ट्री में सचिव हैं। जब संजय स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव थे, तब वे कोरोना महामारी के वक्त सोशल मीडिया पर जनता को संक्रमण से जुड़ी अपडेट्स दिया करते थे। इसके साथ ही जरूरी निर्देश भी शेयर करते थे।
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