सार

अपने बच्चे पर आई मुसीबत को टालने के लिए मां किस हद तक आगे बढ़ जाती है, इसका एक उदाहरण बिहार के गोपालगंज जिले से सामने आया है। जहां करंट के चपेट से बेटे को बचाने के लिए मां ने अपने जान की बाजी लगा दी। मां ने बेटे को तो बचा लिया पर खुद इस कदर झूलसी कि उसकी मौत हो गई।  
 

गोपालगंज। करंट की चपेट से बेटे को बचाने के लिए मां ने अपनी जान की बाजी लगा दी। बेटे को तो बचा लिया लेकिन बुरी तरह से झुलसने से उसकी मौत हो गई़। ये हादसा जिले के मीरगंज के वार्ड नंबर 10 पूरब टोला, दबगर मोहल्ले का है। जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह टीवी साफ नहीं चलने पर स्थानीय निवासी नाटुर उर्फ अली हसन का बेटा भोला टीन से बने छत पर चढ़कर अपने डिश एंटीना को ठीक कर रहा था। इसी दौरान टीन से बने छत पर अचानक करंट आ गई और वह उसकी चपेट में गया। बेटे की आवाज सुन मां दौड़ते हुए पहुंची जहां बेटे को तो किसी तरह बचा लिया लेकिन खुद झुलस गई। 

पोल से लाइन काट हॉस्पिटल पहुंचाया गया
कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई। बाद में स्थानीय लोग किसी तरह पोल पर से लाइन काट कर घायल मां बेटे को स्थानीय अस्पताल ले गए जहां बेटे की हालत में सुधार है पर वहां मां को मृत घोषित कर दिया गया। घटना के बाद मौके पर पुलिस पहुंची तथा मृतक रोशन आरा के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। परिजनों ने बताया कि नाटुर ठेले पर फल बेच कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है। करीब 14 वर्ष पूर्व रोशन आरा से हुई शादी के बाद उसके दो बेटे और एक बेटी हुई।

घटना के बाद पूरे मोहल्ले में मातमी माहौल
पारिवारिक विवाद के बाद नाटुर भाई से अलग होकर रहता था। मां की मौत के बाद उसके परिवार में रोने-चीखने से पूरा मोहल्ला शोक संतप्त है। वह उसके तीन मासूम संतान अब किस तरह रहेंगे, यह सवाल स्थानीय लोगों के मन में कौंध रहा है। मौके पर मृतक के भाई मुन्ना मियां और उनके रिश्तेदार आ पहुंचे और पीड़ित परिवार को सांत्वना देने के बजाय उलाहने देने लगे। इसके बाद माहौल इस कदर बिगड़ा कि दोनों पक्ष आपस में उलझ पड़े। किसी तरह वार्ड पार्षद पति ताराचंद गुप्ता ने दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर शांत किया। रोशन आरा ने अपनी जान देकर अपने बेटे को नई जिंदगी बख्शी।