सार

लॉकडाउन और जिले में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मरीजों को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी सख्ती बरत रहा था। इस बीच धर्मपुरा जैसे संवेदनशील जगह पर ऋषिकेश सिंह की ड्यूटी लगी थी। 

रोहतास। कोरोना और उससे बचाव के लिए जारी लॉकडाउन की विपरित परिस्थिति ने लोगों की दिनचर्या बदल दी है। चाहकर भी लोग बाहर नहीं निकल सकते। इस बीच आम लोग जहां घरों में कैद रहकर बोर और मानसिक रूप से बीमार हो रहे हैं, वहीं मेडिकल, पुलिस जैसे आवश्यक सेवाओं में लगे लोग चाहकर भी अपनी सेहत का ख्याल नहीं रख पा रहे हैं। लॉकडाउन के बीच ऐसे कई लोग बीमार भी हुए। बिहार के रोहतास जिले के राजपुर प्रखंड के धर्मपुरा ओपी के थानाध्यक्ष ऋषिकेश सिंह की असामयिक मौत हो गई। ऋषिकेश के निधन का समाचार मिलते ही जिला प्रशासन में शोक की लहर दौड़ गई। 

सिपाही से तय किया थानेदार तक का सफर
सिपाही के ग्रेड पर बहाल हुए ऋषिकेश सिंह ने अपनी बहादुरी, इमानदारी और कर्तव्यनिष्ठता के दम पर थानेदार का पद हासिल किया था। पुलिस प्रशासन के वरीय अधिकारी के साथ-साथ स्थानीय लोग भी उनके काम के कायल थे। 55 वर्षीय ऋषिकेश सिंह पहले से बीमार होने के बाद भी लॉकडाउन में लगातार ड्यूटी कर रहे थे। 

उनके निधन के बाद उनके शव का सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया। इसके बाद उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी गई। वो अपने पीछे एक पुत्र, एक पुत्री और पत्नी को छोड़ गए। ऋषिकेश सिंह की मौत का गम उनके परिजनों के साथ-साथ उनके साथी जवानों व स्थानीय लोगों में भी है। 

हार्ट अटैक के झटके झेल चुके थे थानेदार
मिली जानकारी के अनुसार ऋषिकेश सिंह पहले से हार्ट के मरीज थे। उन्हें इससे पहले दो बार हार्ट अटैक आ चुका था। इसके बाद भी वो लगातार काम किए जा रहे थे। लॉकडाउन और जिले में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मरीजों को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी सख्ती बरत रहा था। इस बीच धर्मपुरा जैसे संवेदनशील जगह पर ऋषिकेश सिंह की ड्यूटी लगी थी। जहां वो अपनी बीमारी को दबाकर लगातार काम किए जा रहे थे। लेकिन आखिरकार वो अपनी जिंदगी का जंग हार गए। तीसरे अटैक से वो अपने आप को नहीं बचा सके।