सार
22 मार्च को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरे राज्य में 31 मार्च तक के लिए लॉकडाउन का ऐलान किया था। लॉकडाउन के पहले दिन प्रायः सभी जिलों में लॉकडाउन की स्थिति खराब रही। कई जगह बस, ऑटो व अन्य यात्री वाहन चलते रहे। लेकिन दूसरे दिन लॉकडाउन का असर बिहार के सभी जिलों में दिखा।
पटना। महामारी का रूप पकड़ चुके कोरोना से बचाव के लिए बिहार सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन के दूसरे दिन लगभग पूरे राज्य में लॉकडाउन का असर दिखा। आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को छोड़कर अन्य सभी दुकानें और प्रतिष्ठान बंद रहे। सड़कों पर यात्री वाहनों की आवाजाही बंद रही। निजी वाहन और बाइक से आने-जाने वाले लोगों पर भी प्रशासन ने सख्ती दिखाई। जरूरी काम से जाने वाले लोगों को तो प्रशासन ने समझा कर छोड़ दिया। लेकिन जो प्रशासन से आंखमिचौली करते हुए भागने की कोशिश कर रहे थे, उनपर प्रशासन ने लाठी भी चलाई।
31 मार्च तक के लिए लॉकडाउन किया गया है बिहार
उल्लेखनीय हो कि बिहार में कोरोना से पहली मौत की सूचना 22 मार्च को मिली थी। उसी दिन शाम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरे राज्य में 31 मार्च तक के लिए लॉकडाउन की घोषणा कर दी। लॉकडाउन के पहले दिन यानी सोमवार को कई जगह इस नियम का पालन होते नहीं दिखा। जिसके बाद सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए कानून का पालन नहीं करने वाले लोगों पर प्राथमिकी और सख्ती बरतने का आदेश दिया था। जिसके बाद लॉकडाउन के दूसरे दिन यानी की मंगलवार को राज्य के लगभग सभी जिलों में लॉकडाउन का असर दिखा।
सब्जी व किराना दुकानों में कालाबाजारी शुरू
हालांकि सुबह के समय अन्य दिनों की तरह ही सड़कों पर आवाजाही दिखी। लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, प्रशासन सख्त होती गई और लोगों की भीड़ छटती दिखी। इस दौरान सब्जी एवं राशन की दुकान पर अत्यधिक भीड़ देखी गई। राशन व सब्जी की अचानक बढ़ी मांग के बाद कालाबाजारी भी शुरू हो गई है। लॉकडाउन से पहले 15 रुपए किलो बिकने वाला आलू अब 25 से 30 रुपए किलो बिक रहा है। 20 से 25 रुपए किलो बिकने वाला प्याज 40 रुपए पहुंच चुका है। परवल जैसी हरी सब्जी 80 रुपए किलो बिकी।