सार
कोरोना के संदिग्ध मरीजों के अस्पताल से भागने की खबर पर अस्पताल प्रशासन चौकन्ना हो गए। पटना के पीएमसीएच में कोरोना के संदिग्ध मरीजों पर नजर रखने के लिए स्पेशल गार्ड को तैनात किया गया है। जो 24वों घंटे कोरोना के मरीजों पर नजर रखेंगे।
पटना। पूरी दुनिया में खौफ का पर्याय बन चुके कोरोना वायरस से बिहार भी बुरी तरह प्रभावित हो चुका है। बिहार के कई जिलों में 144 लगा दी गई है। सरकार ने 31 मार्च तक के लिए सभी स्कूल, कॉलेज, पार्क, सिनेमाघरोंको बंद करने का आदेश दे दिया है। दूसरी ओर अलग-अलग जिलों से कोरोना के संदिग्ध मरीजों के मिलने की खबर सामने आ रही है। लेकिन इसके साथ ही एक बड़ी परेशानी यह आ रही है कि कोरोना के संदिग्ध मरीज अस्पताल प्रशासन को बिना कोई सूचना दिए फरार हो जा रहे हैं। भागलपुर और दरभंगा से ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।
24वों घंटे नजर रखने के लिए गार्ड तैनात
जिसके बाद बिहार में कोरोना के मरीजों के संदिग्धों की संख्या में हो रहे इजाफे और अस्पताल से संदिग्धों के भागने की खबर के बाद स्वास्थ्य महकमे ने मरीजों को भागने से रोकने के लिए बड़ा निर्णय लिया है। स्वास्थ्य विभाग अब कोरोना के संदिग्ध मरीजों का उपचार गार्ड की देखरेख में करेगा। दरअसल, राजधानी पटना के पीएमसीएच में कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों पर नजर रखने के लिए विशेष गार्ड की तैनाती की है। जो संदिग्धों पर चौबीसों घंटे नजर रखेंगे। बता दें कि सात दिन पहले एक महिला मरीज को कोरोना संदिग्ध मानते हुए पीएमसीएच में भर्ती कराया गया। जहां रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद महिला ने अस्पताल प्रबंधन पर घर जाने देने का दबाव बनाया। इस दौरान घर नहीं जाने देने की सूरत में आत्महत्या कर लेने की धमकी भी दी थी।
14 दिनों तक ऐहतियात के भर्ती कराना जरूरी
कोरोना वायरस के संदिग्ध की रिपोर्ट निगेटिव होने बाद भी उसे 14 दिनों तक ऐहतियात के तौर पर अस्पताल के आइसोलशन वार्ड में भर्ती किया जाता है। जहां से उसे इस दौरान कहीं भी जाने के इजाजत नहीं होती। लेकिन भागलपुर मेडिकल कॉलेज से एक संदिग्ध के भागने के बाद और पीएचसीएच में मरीजों के बरताव को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। ज्ञात हो कि हांगकांग से मुंगेर का एक युवक घर लौटा था। जिसे संदिग्ध मान कर भागलपुर मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहीं दंरभागा से 2 संदिग्धों के भागने की भी खबर सामने आ रही है।