सार
बीते आठ वर्षों बिहार के औरंगाबाद जिले का कर्मा लहंग गांव शर्मिंदा है। गांव वाले अक्षय ठाकुर के परिवार के साथ सहानभुति तो रखे हैं लेकिन कोई खुलकर कुछ बोलने की हिम्मत नहीं दिखा पा रहा है।
औरंगाबाद। चर्चित निर्भया केस में डेंथ वारंट निकाला जा चुका है। यदि इस वारंट पर कोई स्टे नहीं लगता है कि तो 22 जनवरी को निर्भया के चारों गुनाहगारों को फांसी के फंदे पर झुला दिया जाएगा। इस डेथ वारंट के जारी होने के बाद औरंगाबाद के कर्मा लहंग गांव में अजीब चुप्पी छाई है। कर्मा लहंग गांव निर्भया केस में फांसी की सजा पाने वाले अक्षय ठाकुर का गांव है। गांव वाले अक्षय के परिवार के साथ सहानुभुति तो जता रहे हैं लेकिन कोई खुलकर कुछ नहीं बोल पा रहा है। दूसरी ओर अक्षय का परिवार अब भी बेटे की जिंदगी बचाने की जुगत में जुटा है। पिता सरयू सिंह आखिरी पड़ाव पर है। भाई विनय सिंह अक्षय की बात करते ही रोने पड़ते हैं।
कोर्ट के फैसले का सम्मान लेकिन हम लड़ेंगेः भाई
डेंथ वारंट के बाद अक्षय के भाई विनय ने रुंधे हुए गले से कहा कि हम लोग न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं। हमारे वकील की ओर की पुनर्विचार याचिता दायर की जाएगी। हम आखिरी दम तक लड़ेंगे। गांव के दूसरे लोग इस मामले पर कुछ भी बात करने को तैयार नहीं होते। बहुत कुरेदने पर एकाध ग्रामीणों ने बस इतना कहा कि अक्षय जब तक गांव में था, ठीक था। पता नहीं दिल्ली जाते ही उसे क्या हो गया। कुछ लोगों ने यह भी कहा संगत में पड़कर अक्षय से यह भारी गलती हो गई। गांव वाले सरयू सिंह के परिवार पर आई इस विपत्ति और आगे आने वाली विपति में सहभागी तो है लेकिन बेटे के कुकर्म और पाप की मुखालाफत भी कर रहे हैं।
कातर आंखों से महिलाएं दे रही हैं दुहाई
सरयू राय के घर में चूल्हा-चौकी लापरवाह पड़ी है। घर की महिलाएं कातर आंखों से दुहाई दे रही है। पिता चुप है। अक्षय के दो भाई जो घटना के समय दिल्ली ही रहा करते थे अब घर पर खेतीबाड़ी से परिवार संभाल रहे हैं। बेटे ने परिवार के साथ-साथ गांव पर ऐसा तोहमत मढ़ा है कि चाह कर भी लोग उससे निकल नहीं पा रहे हैं। कई लोगों ने कहा कि अब इस केस में जो होना है, हो, बस जल्द हो। बता दें कि 2012 में दिल्ली में एक पारामेडिकल स्टूडेंट के साथ हैवानियत की हदें पार करते हुए गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया था। कुछ दिनों तक चली इलाज के बाद पीड़िता की मौत हो गई थी। घटना के बाद पूरे देश में गुस्से की लहर दौड़ी थी।
एक आरोपी ने जेल में ही कर ली थी आत्महत्या
मामले के छह आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जिसमें एक नाबालिग था। नाबालिग के लिए बनाए गए कानून के अनुसार उक्त आरोपी की सजा पूरी हो गई। जिसके बाद से वो पहचान छिपा कर रह रहा है। दूसरी ओर मामले के मुख्य आरोपी ने जेल में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। अब शेष बचे चार आरोपियों का डेंथ वारंट जारी किया जा चुका है। यदि ऊपरी अदालत से कोई स्टे नहीं आता है तो 22 जनवरी को चारों आरोपियों को फांसी दे दी जाएगी।