सार
विधवा के पति की मौत तीन साल पहले हो चुकी थी ऐसे में महिला ने लोकलाज के डर से अस्पताल में ही बच्चे को बेचने की कोशिश भी की काफी खोजबीन के बाद महिला को एक आशा ग्राहक के रूप में मिली
अररिया (बिहार): अररिया सदर अस्पताल में बुधवार को एक विधवा ने एक बच्चे को जन्म दिया। विधवा के पति की मौत तीन साल पहले हो चुकी थी। ऐसे में महिला ने लोकलाज के डर से अस्पताल में ही बच्चे को बेचने की कोशिश भी की। काफी खोजबीन के बाद महिला को एक आशा ग्राहक के रूप में मिली। 500 रुपये में महिला ने आशा से बच्चे की डील फाइनल कर ली और उसके बाद वो बच्चे को अस्पताल में ही छोड़ कर चली गई। लेकिन इसी बीच मामला सदर अस्पताल के अन्य कर्मियों तक पहुंचा। जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने महिला की खोज शुरू कर दी।
सदर थाना के बुधेश्वरी गांव की रहने वाली है महिला
अस्पताल में तैनात गार्डों ने महिला को खोज निकाला। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधक की मौजूदगी में महिला को बच्चा दिया गया। महिला सदर थाना क्षेत्र के बुधेश्वरी रामपुर गांव की रहने वाली है। उसे किसी दूसरे गांव की आशा कार्यकर्ता ने प्रसव के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया था। महिला ने बताया कि लोकलाज के डर से वो बच्चे को अस्पताल में भी छोड़ना चाहा था।
देवर से थे महिला के नाजायज संबंध,
महिला ने बताया कि मेरे पति मो. बहाव की मौत तीन साल पहले हो चुकी है। उसे उसके पति से दो बेटी और एक बेटा है। पति की मौत के बाद देवर ने उसके साथ नाजायज संबंध बना लिया। जब वह गर्भवती हो गई तो उसका देवर उसे छोड़कर दिल्ली चला गया। जबकि देवर ने उसे शादी का वादा किया था। गर्भवती होने पर महिला ने गांव में पंचायत भी बुलवाई थी। लेकिन पंचायत में उसकी किसी ने नहीं सुनी।
परिजनों के आने में तक रखा जाएगा सुरक्षित
अस्पताल प्रबंधक विकास कुमार आनंद ने बताया कि जच्चा-बच्चा को उसके परिजनों के आने तक सुरक्षित रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि अररिया प्रखंड के अस्पताल प्रबंधक के माध्यम से आशा के साथ उस पंचायत के मुखिया को भी बुलाया गया है। साथ ही घटना की जानकारी नगर थाना पुलिस को भी दी गई है। मुखिया और उसके परिजनों के समक्ष ही जच्चा-बच्चा को हवाले किया जाएगा।