सार
2016 में नीतीश कुमार ने शराब बंदी की घोषणा की थी। जिसके बाद से पूरे राज्य में शराब पीना, बनाना या बेचना प्रतिबंधित है। लेकिन इसके बाद भी चोरी-छिपे शराब की तस्करी की जा रही है। ताजा मामला बेगूसराय का है। जहां थाने से महज 200 मीटर की दूरी पर स्थित कब्रिस्तान से शराब की सैकड़ों खाली बोतलें मिली है।
बेगूसराय। वर्ष 2016 में सूबे के मुखिया ने राज्य भर में शराब बंदी कानून को लागू किया और पुलिस को इसे सख्ती से लागू करने का आदेश दिया गया। मुख्यमंत्री के इस आदेश का पालन करने में पुलिस भी तन्मयता से जुट गई और कई जिलों की अगल-अलग थानों की पुलिस ने हजारों लीटर शराब जब्त किया। लेकिन जब साल के अंत में जब्त शराब का स्टोर से मिलान कराया गया तो करीब 9 हजार लीटर शराब कम मिले। बिहार पुलिस ने तब यह दावा किया ये शराब चूहे पी गए। पुलिस के इस दावें का जमकर मजाक बना। अब शराबबंदी से जुड़ा एक दूसरा मामला सामने आया है, जहां कब्रिस्तान से भारी मात्रा में देसी-विदेशी शराब की खाली बोतलें बरामद की गई है।
थाना से 100-200 मीटर दूरी पर मिली बोतलें
क्रबिस्तान से शराब की खाली बोतलें सूबे के बेगूसराय जिले से मिली है। जिले के धर्मपुर चौक के समीप थाने से महज 100 से 200 मीटर की दूरी पर स्थित कब्रिस्तान की सफाई के दौरान मजदूर को सैंकड़ों की संख्या में शराब की बोतलें मिली। इसकी सूचना मजदूर ने चेरिया बरियारपुर मुस्लिम कमेटी के सदस्य को दी। कब्रिस्तान से शराब की बोतल मिलने की सूचना कमेटी ने पुलिस को दी। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस की बोतलों की संख्या देखकर होश उड़ गए।
जमीन के अंदर से निकली बोतलें
बताया जाता है कि कब्रिस्तान में जंगलों की सफाई के क्रम में मजदूर को बोतलें मिली। जमीन में गड़ी सारी बोतलें खालीं थी। कमेटी के सदस्यों ने बताया कि थाना से महज कुछ दूरी पर अवैध शराब का कारोबार फल-फूल रहा है। इसकी भनक पुलिस प्रशासन को नहीं लगना बड़ी हैरानी की बात है। इधर पुलिस ने सूचना के बाद रातों रात खाली बोतलों को वहां से हटवा दिया है। कमेटी के सदस्य ने बताया कि प्रदेश में कोरोना के संभावित संक्रमण को ध्यान में रखकर कब्रिस्तान और मदरसों की साफ-सफाई कराई जा रही है। इसी क्रम में कब्रिस्तान से बोतल मिलने का मामला सामने आया है।