सार

दिलीप कुमार की पाकिस्तान वाली पुश्तैनी हवेली को खरीदने की बात काफी लंबे समय से चल रही है। खैबर-पख्तूनख्वा इलाके मे मौजूद उनके घर को प्रांतीय सरकार ने खरीदने का फैसला लिया था। ऐसे में अब हवेली के मालिक ने इसे सरकार के फिक्स रेट पर बेचने से साफ तौर से इनकार कर दिया है।

मुंबई. दिलीप कुमार की पाकिस्तान वाली पुश्तैनी हवेली को खरीदने की बात काफी लंबे समय से चल रही है। खैबर-पख्तूनख्वा इलाके मे मौजूद उनके घर को प्रांतीय सरकार ने खरीदने का फैसला लिया था। ऐसे में अब हवेली के मालिक ने इसे सरकार के फिक्स रेट पर बेचने से साफ तौर से इनकार कर दिया है। खबरों में उनके हवाले से कहा जा रहा है कि इसका दाम काफी कम लगाया जा रहा है और वो इसे 25 करोड़ रुपए से कम की कीमत में नहीं बेचेंगे।  

सरकारी बोली को लेकर मालिक ने कही ये बात

बताया जा रहा है कि प्रांतीय सराकर ने बीते महीने करीब 101 स्क्वायर मीटर का दाम फिक्स किया था। इसे पेशावर का नेशनल हेरिटेज घोषित करके कीमत 80.56 लाख लगाई थी। वहीं, हवेली के मालिक हाजी लाल मुहम्मद का कहना था कि जब प्रशासन उनसे बात करेगा तो वो इसकी 25 करोड़ की मांग करेंगे। हाजी लाल का ये भी कहना है कि उन्हें 2005 में ये प्रॉपर्टी 51 लाख की पड़ी थी और 16 साल के बाद सरकार का इसे बेचने के लिए 80.56 लाख तय कर देना अन्याय है। उन्होंने बताया था कि जिस इलाके में ये प्रॉपर्टी है वहां जमीन काफी महंगी है। 
 
राज कपूर की हवेली के मांगे थे 200 करोड़ 

दिलीप कुमार की हवेली के पास ही राज कपूर की पुश्तैनी हवेली भी है। इसकी कीमत सरकार ने 1.50 करोड़ फिक्स     की थी, लेकिन इसके मालिक ने 200 करोड़ रुपए की मांग की थी। राज कपूर और उनके चाचा त्रिलोक कपूर इस हवेली में पैदा हुए थे। इसको भी वहां की सरकार ने नैशनल हेरिटेज घोषित किया गया है।

इमारतों के मालिक बनाना चाहते हैं कमर्शियल प्लाजा

इससे पहले इमारतों के मालिक कई बार इन हवेली को कमर्शियल प्लाजा बनवाने के लिए इन हवेलियों को गिराने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन आर्कियोलॉजी डिपार्टमेंट की तरफ से रोक लगा दी गई क्योंकि वो ऐतिहासिक महत्व को देखकर इन्हें सुरक्षित रखना चाहते हैं।