सार

लता को गाता देखकर उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर हैरान रह गए। उन्हें नहीं पता था कि उनकी बेटी गाती है। लता आगे बताती हैं कि पिता जी मां से बोले कि घर में गवैया बैठा है और हम बाहरवालों को सिखा रहे हैं। 

मुंबई. लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) हमारे बीच नहीं हैं। मां सरस्वती का अक्स रही लता मंगेशकर 92 साल की उम्र में अपना शरीर त्याग कर इस दुनिया को छोड़कर चली गईं। लेकिन उनकी धड़कन हर उस गाने में सुनाई देगी जिसे उन्होंने अपने स्वर से सजाया है। कहते हैं ना पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं, लता दीदी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब वो 4 से 5 साल की ही थी तभी से संगीत में जीना शुरू कर दिया था।

एक इंटरव्यू में लता मंगेशकर ने बताया था कि एक बार जब मेरे पिता जी ( दीनानाथ मंगेशकर ) अपने शागिर्द को संगीत सिखा रहे थे। लेकिन इस बीच उन्हें कहीं जाना पड़ गया। उन्होंने अपने शागिर्द को कहा कि तुम अभ्यास करो मैं आ रहा हूं। लता मंगेशकर उस दौरान अपने बालकनी में बैठी थी। वो शागिर्द को रियाज करते हुए सुन रही थी। उस वक्त उनकी उम्र 4 से 5 साल रही होगी। शागिर्द को गाता सुन वो उनके पास गई और बोलीं ये बंदिश तुम गलत गा रहे हो। फिर उन्होंने उसे वो बंदिश गाकर सुनाई। लता जी जब ये गा रही थी तभी उनके पिता जी आ गए।

पिता ने लता को गाता देख कहा था घर में गवैया बैठा है और मैं बाहर वालों रहा हूं सीखा

लता को गाता देखकर वो हैरान रह गए। उन्हें नहीं पता था कि उनकी बेटी गाती है। लता आगे बताती हैं कि पिता जी मां से बोले कि घर में गवैया बैठा है और हम बाहरवालों को सिखा रहे हैं। इसके अगले दिन पिता जी ने मुझे 6 बजे उठाया और हाथ में तानपुरा थमा दिया। इसके बाद से लता मंगेशकर ने जो गाना शुरू किया वो 70 से ज्यादा दशकों तक जारी रहा।

9 साल की उम्र में लता ने राग खंबामती गाया था

लता मंगेशकर 9 साल की उम्र में पहली बार स्टेज परफॉर्मेंस दी थीं। पिता जी के साथ उन्होंने स्टेज पर  राग खंबामती गाया था। इतनी कम उम्र में इस कठिन राग को गाता देखकर हर कोई हैरान था। 

नूरजहां और गुलाम हैदर ने कहा था लता तुम बहुत आगे तक जाओगी

लता मंगेशकर एक फिल्म में जब छोटी सी बच्ची का रोल कर रही थी। तब वहां मशहूर गायिका नूरजहां अपने गानों की रिकॉर्डिंग के लिए आईं थी। फिल्म निर्माता ने लता को नूरजहां से मिलवाया और बोले की ये बच्ची भी गाती है। तब नूरजहां ने उन्हें गाने को कहा। जब लता ने गाना शुरू किया तो नूरजहां सुनती गई। गाना खत्म होने पर नूरजहां ने कहा कि बहुत अच्छा गाती हो, रियाज करती रहो। बहुत आगे जाओंगी। यही बात संगीत निर्देशक उस्ताद गुलाम हैदर ने भी लता मंगेशकर को कही थी। तुम एक दिन बहुत बड़ी कलाकार बनोगी।  नूरजहां और गुलाम हैदर दोनों देश विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गए। लेकिन उनका कहा सच हुआ और लता महान गायिका बन गई। 

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