सार
शक्ति कपूर ने 1977 में फिल्म 'खेल खिलाड़ी का' से बॉलीवुड में कदम रखा था। उन्होंने अपने करियर में लगभग 700 फिल्मों में काम किया है, जिसमें 'जानी दुश्मन', 'नसीब', 'हिम्मतवाला', 'इंसानियत के दुश्मन' और 'दे दना दन' जैसे टाइटल शामिल हैं।
एंटरटेनमेंट डेस्क. दिग्गज अभिनेता शक्ति कपूर (Shakti Kapoor) की मानें तो एक वक्त आया था, जब उन्हें लगना लगा था कि उनका एक्टिंग करियर ख़त्म हो गया गया है। इसकी वजह एक फिल्म के सेट पर उन्हें पड़े तीन थप्पड़ थे। शक्ति कपूर ने यह खुलासा हाल ही में तब किया, जब वे कॉमेडी किंग कपिल शर्मा (Kapil Sharma) शो 'द कपिल शर्मा शो' (The Kapil Sharma Show) में बतौर गेस्ट पहुंचे थे। शक्ति कपूर के मुताबिक़, उन्हें ये थप्पड़ दिग्गज फिल्म अभिनेता कादर खान (Kader Khan) और एक्ट्रेस अरुणा ईरानी (Aruna Irani) ने मारे थे।
1983 में रिलीज हुई थी यह फिल्म
शक्ति कपूर के साथ यह वाकया जिस फिल्म के सेट पर घटा, उसका नाम 'मवाली' है, जो 1983 में रिलीज हुई थी। बकौल शक्ति कपूर, "मैंने पेंटल के साथ पहली कॉमेडी फिल्म 'सत्ते पे सत्ता' की थी। यह वाकई बहुत अच्छी फिल्म थी। इसलिए जब राज सिप्पी ने मुझे कॉमेडी किरदार के लिए अप्रोच किया तो मुझे लगा कि मेरी विलेन वाली भूमिकाओं की सराहना हो रही है, फिर वे मुझे कॉमेडियन क्यों बनाना चाहते हैं। इसके बाद मुझे 'मवाली' नाम की फिल्म मिली। जब मैं इस फिल्म के लिए पहला शॉट दे रहा था, तब कादर खान ने मुझे थप्पड़ मारा और मैं जमीन पर गिर पड़ा। फिर दूसरे शॉट में अरुणा ईरानी ने मुझे थप्पड़ जड़ा और मैं फिर जमीन पर गिर पड़ा। तीसरी बार ही ऐसा ही हुआ।"
शक्ति कपूर को हुई करियर की चिंता
शक्ति कपूर के मुताबिक़, उन थप्पड़ वाले सीन शूट करने के बाद उन्हें अपने करियर की चिंता होने लगी। उन्होंने कादर खान से उनकी वापसी की टिकट कराने की गुजारिश की और कहा कि वे फिल्म का हिस्सा नहीं बनना चाहते। वे कहते हैं, "जब मैं इससे गुजरा तो मैंने सोचा कि मेरा करियर ख़त्म हो गया। के. बोपैया फिल्म को निर्देशित कर रहे थे और कादर खान भी उस फिल्म का हिस्सा थे। मैं कादर खान के पास गया और उनसे कहा, "मैं आपके पैर पड़ता हूं, प्लीज मेरी शाम की टिकट बुक करा दीजिए। मैं इस फिल्म का हिस्सा नहीं बनना चाहता। उस वक्त तक मेरी शादी नहीं हुई थी।"
वीरू देवगन की सलाह पर इंडस्ट्री में रुके
शक्ति कपूर ने बताया कि उस फिल्म के एक्शन डायरेक्टर वीरू देवगन थे। उन्होंने उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में बने रहने की सलाह दी और कहा कि कोई भी रोल छोटा या बड़ा नहीं होता। दर्शकों का मनोरंजन करने वाला हर इंसान हीरो है। शक्ति ने कपिल शर्मा से कहा, "वीरू देवगन फिल्म के फाइट मास्टर थे। वे मुझे एक ओर ले गए और बोले कि मैंने यह फिल्म देखी है और अगर तुम्हे थप्पड़ खाने की जरूरत है तो थप्पड़ खाओ। लेकिन इंडस्ट्री मत छोड़ो।"
मेरा भी यही ख्वाब था : शक्ति कपूर
शक्ति कपूर कहते हैं, "हर कोई हीरो बनना चाहता है और मेरा भी यही ख्वाब था। मैंने हीरो के तौर पर 'जख्मी इंसान' थी, लेकिन दुर्भाग्य से यह फिल्म चली नहीं। अगर कोई इंसान कॉमेडी करते हुए सक्सेसफुल है तो वह हीरो है और अगर कोई इंसान निगेटिव किरदार निभाकर छाप छोड़ रहा है तो वह भी हीरो ही है।"
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