सार

सोनू ने कहा कि वह इन बच्चों को गोद लेंगे। चारों बच्चों को फाजिल्का के माता छाया आश्रम में रखकर अच्छी परवरिश की जाएगी। बच्चों की पढ़ाई का जिम्मेदारी भी सोनू सूद ही उठाएंगे। इस बारे में सोनू के दोस्त ईएचडी चेंबर्स ऑफ कॉमर्स के चेयरमैन करन गल्होत्रा ने बताया कि अनाथ हुए चार बच्चों को एनजीओ चलाने वाले गगनदीप सिंह अपने घर ले गए थे। बता दें कि जिला बाल भलाई कमेटी के चेयरमैन डॉ. दिनेश गुप्ता ने कहा कि बच्चों को गोद लेने के लिए सेंटरलाइजेशन अडॉप्शन रिसोर्स एजेंसी (कारा) के जरिए ऑनलाइन एप्लाई किया जा सकता है। फिल्हाल, चारों बच्चे अपने रिश्तेदारों के पास रह रहे हैं। 

मुंबई. कोरोना काल में सोनू सूद एक ऐसे शख्स रहे जिन्होंने लोगों की सबसे ज्यादा मदद की। इतना ही नहीं अभी भी वे जरूरतमंदों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। हाल ही उन्होंने एक हादसे में अनाथ हुए 4 बच्चों को गोद लिया है। दरअसल, जहरीली शराब पीने से बीते सप्ताहभर में पंजाब के तीन जिलों तरनतारन, अमृतसर और गुरदासपुर में 113 लोगों की जान चली गई है। इन्हीं में तरनतारन जिले के गांव मुरादपुर का सुखेदव सिंह भी शामिल है। जानकारी के अनुसार गुरुवार को रिक्शा चालक सुखदेव सिंह की मौत का पता चला तो सदमे में दो घंटे बाद पत्‍नी ज्योति की भी मौत हो गई। हालांकि, पंजाब सरकार की तरफ से मृतकों के परिवार को 5 लाख रुपए और नौकरी की घोषणा की है, लेकिन सुखदेव सिंह के परिवार में मासूम बच्चों को संभालने वाला कोई नहीं है। इन बच्चों की जिंदगी संवारने के लिए सोनू सूद आगे आए हैं।


पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाएंगे सोनू
सोनू ने कहा कि वह इन बच्चों को गोद लेंगे। चारों बच्चों को फाजिल्का के माता छाया आश्रम में रखकर अच्छी परवरिश की जाएगी। बच्चों की पढ़ाई का जिम्मेदारी भी सोनू सूद ही उठाएंगे। इस बारे में सोनू के दोस्त ईएचडी चेंबर्स ऑफ कॉमर्स के चेयरमैन करन गल्होत्रा ने बताया कि अनाथ हुए चार बच्चों (13 साल के करनबीर सिंह, 11 साल के गुरप्रीत सिंह, नौ साल के अर्शप्रीत सिंह और सात साल के संदीप सिंह) को एनजीओ चलाने वाले गगनदीप सिंह अपने घर ले गए थे। सुखदेव सिंह के भाई मनजीत सिंह और भाभी कमलजीत कौर ने बताया कि जिला बाल सुरक्षा अधिकारी राजेश कुमार के दखल से चारों बच्चों को वापस घर लाया गया। इस संबंध में एक न्यूज पेपर में खबर पढ़कर सोनू सूद ने चारों बच्चों को गोद लेने का फैसला किया।


अभी रिश्तेदार के पास है बच्चे
बता दें कि जिला बाल भलाई कमेटी के चेयरमैन डॉ. दिनेश गुप्ता ने कहा कि बच्चों को गोद लेने के लिए सेंटरलाइजेशन अडॉप्शन रिसोर्स एजेंसी (कारा) के जरिए ऑनलाइन एप्लाई किया जा सकता है। फिल्हाल, चारों बच्चे अपने रिश्तेदारों के पास रह रहे हैं। इन बच्चों की काउंसिलिंग भी की जाएगी। इसके लिए बच्चों की देखभाल कर रहे रिश्तेदारों को कमेटी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है।