सार
रिहायशी इमारत को होटल बनाने के मामले में बाम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में सोनू सूद (Sonu Sood) की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें BMC के नोटिस के खिलाफ रोक या अंतरिम राहत देने की मांग की गई थी। अब सोनू सूद बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने का फैसला करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख कर रहे हैं। सोनू सूद के वकील विनीत ढांडा ने कहा कि वे इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
मुंबई। रिहायशी इमारत को होटल बनाने के मामले में बाम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में सोनू सूद (Sonu Sood) की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें BMC के नोटिस के खिलाफ रोक या अंतरिम राहत देने की मांग की गई थी। अब सोनू सूद बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने का फैसला करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख कर रहे हैं। सोनू सूद के वकील विनीत ढांडा ने कहा कि वे इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। क्योंकि इस चुनौती का मुख्य आधार यही है कि BMC ने उसे प्रॉपर्टी के मालिक के रूप में नोटिस जारी किया है।
सोनू के वकील ने आगे कहा- उनके लिए आदतन अपराधी जैसे शब्दों का इस्तेमाल केवल उनकी इमेज खराब करने के लिए किया जा रहा है, जबकि बिल्डिंग के अंदर किसी भी तरह के अल्टरेशन के लिए परमिशन की जरूरत नहीं है। जस्टिस पृथ्वीराज चह्वाण की सिंगल बेंच ने सोनू की अर्जी को महाराष्ट्र रीजनल टाउन प्लानिंग एक्ट की धारा 53 के तहत गलत पाया।
सोनू सूद के वकील ने अक्टूबर में बीएमसी के नोटिस भेजे जाने के बाद 10 हफ्ते का समय मांगा था। उन्होंने हाई कोर्ट से अपील की थी कि वह बीएमसी को निर्देश दें कि वे इस इमारत को गिराने का काम शुरू न करें। हालांकि कोर्ट ने ऐसे किसी भी निर्देश को देने से मना करते हुए उन्हें खुद ही बीएमसी से संपर्क करने के लिए कह दिया। जज चव्हाण ने अपने आदेश में कहा था कि गेंद अब बीएमसी के पाले में है, आप (सोनू सूद) उनसे संपर्क कर सकते हैं।
बता दें कि इस साल की शुरुआत में सिटी सिविल कोर्ट दिंडोशी के फैसले के खिलाफ सोनू सूद ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। बीएमसी ने अपने नोटिस में लिखा था कि छह मंजिला इमारत शक्ति सागर में सूद ने कई बदलाव किए हैं। उन्होंने इस रिहायशी बिल्डिंग को बिना अनुमति के होटल में तब्दील कर दिया।