सार

डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने यह भी कहा कि कुछ रिपोर्टों ने फिल्म का बहिष्कार करने की अपील की थी। उन्होंने तहाकि  “फिल्म की रिलीज के दो दिन बाद, मैंने बहुत से लोगों से बात की थी, लेकिन ये बिल्कुल साफ करू दूं अक्षय कुमार (Akshay Kumar) पर मेरा विश्वास अटल है।

एंटरटेनमेंट डेस्क। सम्राट पृथ्वीराज (Samrat Prithviraj)  बॉक्स ऑफिस पर कोई कमाल नहीं दिखा पाई है। बड़े बजट और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बनी यह फिल्म औंधे मुंह गिर गई हैं। इस मूवी को लेकर कई निगेटिव बातें कहीं गई हैं। इसमें पृथ्वीराज के किरदार में अक्षय कुमार को दर्शकों ने सिरे से खारिज कर दिया है।

वहीं बॉलीवुड में ये भी खबरें तैर रहीं थी कि  सम्राट पृथ्वीराज के रोल के लिए निर्देशक डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेदी ( Dr Chandraprakash Dwivedi ) की पहली पसंद, सनी देओल थे। लेकिन आदित्य चोपड़ा के कहने पर ज्यादा  बिकाऊ चेहरे अक्षय कुमार को इस फिल्म साइन किया गया। वहीं मूवी के कैरेक्टर को लेकर क्रिटिक्स ने आलोचना की है।

फिल्म सम्राट पृथ्वीराज के खिलाफ  जवाब देने के लिए तैयार

वहीं डायरेक्टर चंद्रप्रकाश ने कहा कि अक्षय कुमार पहली कलाकार नहीं है कि जिन्होंने ऑनस्क्रीन नकली मूंछें लगाई हैं। उन्होंने साफ किया कि एक ग्रुप है जो अक्षय कुमार को निशाना बनाना चाहता था । सम्राट पृथ्वीराज के निर्देशक डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेदी स्पष्ट किया है वह निर्देशक होने के नाते अपनी फिल्म सम्राट पृथ्वीराज के खिलाफ हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं। 
 
डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने यह भी कहा कि कुछ रिपोर्टों ने फिल्म का बहिष्कार करने की अपील की थी। उन्होंने तहाकि  “फिल्म की रिलीज के दो दिन बाद, मैंने बहुत से लोगों से बात की थी, लेकिन ये बिल्कुल साफ करू दूं अक्षय कुमार (Akshay Kumar) पर मेरा विश्वास अटल है। मैंने उनके साथ दो और आने वाली फिल्में की हैं- राम सेतु और ओह माय गॉड 2 ( Ram Setu and Oh My God 2 ), मुझे लगता है कि लोग मेरी बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। वे अपनी तरह से कुछ भी लिख रहे हैं, जिससे मुझे थोड़ी दिक्क्त होती है। 

प्रोड्यूसर से नहीं  कोई शिकायत
डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने आगे कहा कि उन्हें अक्षय कुमार या फिल्म के निर्माता आदित्य चोपड़ा से कोई शिकायत नहीं है। द्विवेदी का दावा है कि लोगों का एक वर्ग अक्षय कुमार को निशाना बनाना चाहता था,  इसलिए फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। चंद्रप्रकाश ये मानते हैं कि   "एक वर्ग है जो सोचता है कि उन्हें सब कुछ ठीक करना होगा, उन्हे इस बात से तकलीफ है की फिल्म में लोग तिलक क्यों लगा रहे हैं, औरतें बिंदी क्यों नहीं लगा रही हैं। फिल्म में इस्तेमाल की गई भाषा पर कॉमेन्ट करने वाले लोगों के लिए, द्विवेदी कहते हैं, "जिस भाषा को वो लोग 'उर्दूवुड' की भाषा कह रहे हैं, वो भाषा इसी देश में जन्मी है।