सार
इकोनॉमिक सर्वे 2022 (Economic Survey 2022) आने से पहले शेयर बाजार (Share Market) में तेजी देखने को मिल रही है। बाजार 800 से ज्यादा अंकों की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है। जिसकी वजह से सेंसेक्स (Sensex) फिर से 58000 अंकों के लेवल को पार कर गया है।
Budget 2022: शेयर बाजार (Share Market) में सप्ताह के पहले और महीने के आखिरी कारोबारी दिन जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। खास बात तो ये है कि इकोनॉमिक सर्वे 2022 (Economic Survey 2022) आने से पहले यह तेजी देखने को मिल रही है। इसका मतलब है कि सर्वे में पिछले साल का प्रदर्शन और आने वाले साल के लिए काफी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है। शेयर बाजार 800 से ज्यादा अंकों की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है। जिसकी वजह से सेंसेक्स (Sensex) फिर से 58000 अंकों के लेवल को पार कर गया है। वहीं दूसरी ओर निवेशकों को इस दौरान 3.77 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का फायदा हो चुका है।
शेयर बाजार में तेजी का माहौल
आज शेयर बाजार में तेजी का महौल देखने को मिल रहा है। बांबे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 800 से ज्यादा अंकों की तेजी के साथ 58000 से ज्यादा अंकों पर कारोबार कर रहा है। वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी 210 अंकों की तेजी के साथ 17300 से ज्यादा अंकों के साथ कारोबार कर रहा है। आपको बता दें कि बीते सप्ताह सेंसेक्स में 1800 अंकों की गिरावट देखने को मिली थी।
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शेयर बाजार निवेशकों को मोटा फायदा
शेयर बाजार निवेशकों को कारोबारी सत्र के दौरान मौका फायदा हुआ है। वास्तव में बाजार निवेशकों का फायदा और नुकसान बीएसई के मार्केट कैप से जुड़ा हुआ होता है। मौजूदा समय में बीएसई का मार्केट कैप 2,64,84,999.44 करोड़ पर है। जबकि शुक्रवार को जब बाजार बंद हुआ था तो बीएसई का मार्केट कैप 2,61,07,704.23 करोड़ रुपए था। इसका मतलब है बाजार निवेशकों या यूं बीएसई के मार्केट कैप में 377295.21 करोड़ रुपए का इजाफा हो चुका है।
9 फीसदी हो सकती है जीडीपी अनुमान
जानकारों की मानें तो इस बार इकोनॉमिक सर्वे में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी अनुमान 9 फीसदी रहने का अनुमान है। जबकि पिछले साल जीडीपी अनुमान को 11 फीसदी बताया गया था। वैसे एनएसओ के मुताबिक इस वर्ष 9.2 फीसदी विकास दर रह सकता है। दस बार सर्वे में इस बात पर भी रोशनी डाली जाएगी कि 2021-22 के वित्त वर्ष के शुरू होते ही देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर का प्रभाव अर्थव्यवस्था पर देखने को मिला, लेकिन जुलाई के बाद बहुत तेजी के साथ इकोनॉमी में रिकवरी देखने को मिली।